Post Views: 382 श्रीश्री रविशंकर जब दुनिया आपको दोषी ठहराने लगे। जब आपके अपने ही आपको समझनेकी कोशिश न करें। ऐसी स्थितिमें आपको केवल आंतरिक मजबूती ही रास्ता दिखा सकती है। केवल आपकी आंतरिक मजबूती ही आपको खुश रहनेका अवसर दे सकती है। जब हालात आपके लिए प्रतिकूल हो जाते हैं, तब आपको सहनशक्ति, साहस […]
Post Views: 474 अवधेश कुमार परिस्थितियां चाहे जितनी विकट हो निर्णय हमेशा वर्तमानके साथ भविष्यका ध्यान रखते हुए लिया जाना चाहिए। घनघोर संकटों और विकट परिस्थितियोंमें आम आदमी अपना धैर्य खो देते हैं और दबावोंमें देश ऐसे फैसले करता है जो वर्तमानके साथ भविष्यमें भी उनके लिए दूसरे संकट और बड़ी चुनौतियोंका कारण बनता है। […]
Post Views: 689 विजयनारायण भारत सरकार तीनों किसान कानूनोंके विभिन्न पहलुओंपर किसान संघटनोंके नेताओंको बुलाकर सलाह-मशविरा कर सकती थी। किन्तु उसने ऐसा नहीं किया। तीनों ही कृषि विधेयक संसदके विगत सत्रमें हड़बड़ीमें पारित करा दिये गये। लोकसभामें पारित करानेके बाद विधेयकोंको राज्यसभामें उस समय पेश किया गया जब सत्र समाप्त हो रहा था। राज्यसभामें भारी […]