जयपुर, । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी पर पलटवार किया है। दरअसल, पीएम मोदी ने अजमेर-दिल्ली रूट पर वंदे भारत ट्रेन की लॉन्चिंग के वक्त कांग्रेस पर निशाना साधा था। गहलोत की मौजूदगी में ही मोदी ने कहा कि पहले राजनीतिक स्वार्थ हावी थी, उसी के अनुसार रेलवे में सारी चीजें तय होती थीं। वहीं, अब गहलोत ने पलटवार करते हुए मोदी के बयान को बीजेपी का चुनावी एजेंडा बताया है।
क्या बोले अशोक गहलोत?
गहलोत ने कहा, “पीएम मोदी जी, मुझे दुख है कि आज आपने मेरी मौजूदगी में 2014 से पूर्व के रेलमंत्रियों जैसे- लाल बहादुर शास्त्री, जगजीवनराम, गुलजारी लाल नंदा, कमलापति त्रिपाठी, माधवराव सिंधिया, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और मल्लिकार्जुन खरगे समेत सभी के कार्यकाल को भ्रष्टाचार और राजनीति स्वार्थ से प्रेरित बताया… ये दुर्भाग्यपूर्ण है।”
BJP सरकार में रेलवे का महत्व कम करने की कोशिश
गहलोत ने आगे कहा कि बीजेपी सरकार ने रेलवे बजट को खत्म कर रेलवे के महत्व को कम करने की कोशिश की है। डॉक्टर मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में 1991 में आर्थिक उदारीकरण किया था, इस वजह से आधुनिक ट्रेन चल पा रही हैं। उन्होंने भारत में नई तकनीक को विकसित होने का अवसर दिया। यह कहना गलत है कि रेलवे में सुधार 2014 के बाद ही हुए हैं।
चुनावों को ध्यान में रखकर दिया गया बयान
उन्होंने ये भी कहा कि पीएम मोदी का आज का भाषण विधानसभा और लोकसभा चुनावों को देखते हुए दिया है। ये बयान भाजपा के चुनावी एजेंडे के रूप में था। मेरा मानना है कि ऐसी टिप्पणी प्रदेशवासियों और देशवासियों के गले नहीं उतरती।
2014 के बाद आया रेलवे में बदलाव: PM मोदी
इससे पहले, पीएम मोदी ने कहा था कि देश में पहले राजनीतिक स्वार्थ हावी थी, उसी के अनुसार रेलवे में सारी चीजें तय होती थीं। जब राजनीतिक सौदेबाजी का दबाव हटा तो आज रेलवे नई ऊंचाई पाने के लिए दौड़ने लगी। पहले राजनीतिक स्वार्थ को देख कर ही तय किया जाता था कि कौन रेल मंत्री बनेगा, राजनीतिक स्वार्थ ने ही ऐसी-ऐसी ट्रेनों की घोषणा करवाई जो कभी चली ही नहीं। हालत यह थी कि गरीब की जमीन छीन कर उन्हें रेलवे में नौकरी का झांसा दिया गया। रेलवे की सुरक्षा, स्वच्छता सबकुछ को नजरअंदाज कर दिया गया था। इन सारी व्यवस्थाओं में बदलाव वर्ष 2014 के बाद आना शुरू हुआ।