पड़ाव। शनिवार को सेंट अल हनीफ एजुकेशनल सेंटर तथा सेंट अल हनीफ इंटर कॉलेज सेमरा के तत्वाधान में संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। सर्वप्रथम संत रविदास जी के तैल चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पण किया गया उसके बाद अध्यापकों ने अपने विचार व्यक्त किए। प्रमुख वक्ता प्रधानाचार्य बी राम ने कहा कि संत रविदास जी सामाजिक समरसता के प्रणेता थे। उन्होंने सगुण भक्ति शाखा का पुरजोर समर्थन किया। तथा प्रधानाचार्य कृष्ण दत्त त्रिपाठी ने कहा कि संत रविदास जी सामाजिक बुराई जैसे ऊंच-नीच, जाति-पति का खंडन करते हुए समाज को नई प्रेरणा से प्रेरित करते थे। विद्यालय के प्रबंधक हाजी वसीम अहमद ने कहा कि संत रविदास जी ने नेक नियति को प्रमाणित करते हुए समाज को एक नई दिशा दी तथा तत्कालीन राजा और रानियों को भी दीक्षा दी। उन्होंने मन चंगा तो कठौती में गंगा को भी चरितार्थ किया। उक्त अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर सेराज अंसारी, आसिफ अली, इदरीश अंसारी, स्वालेह उल हक, कल्पना अवस्थी, अमित सिन्हा, मुसाहिब अली, रवि गुप्ता इत्यादि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन इम्तियाज खान ने किया। इलिया प्रतिनिधि के अनुसार संत शिरोमणि रविदास की जयंती पूरे क्षेत्र में हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान रविवार की शाम सैदूपुर, इलिया कस्बा, खरौझा, सरैया, खोजापुर, सुल्तानपुर, गांधीनगर बरहुआ, बेन, खझरा, मनकपड़ा, लेहरा आदि गांवों से संत रविदास की झांकी निकाली गई। जो पूरे कस्बा का भ्रमण करने के बाद गांधी नगर गांव स्थित रविदास मंदिर पहुंची। इस दौरान युवाओं में काफी उत्साह देखा गया। बाजे गाजे के साथ झूमते.नाचते गाते युवा गांधीनगर स्थित रविदास मंदिर पहुंचे। मंदिर के समीप परंपरागत ढंग से लगने वाला मेला भी लगा रहा। जहां चाट, पकौड़ी तथा खिलौने की दुकानें सजी रही। रात्रि में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। दुलहीपुर प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में संत रविदास जयंती बड़े ही धूम.धाम से मनाई गयी। जयंती के मौके पर शोभा यात्रा भी निकाली गई। इस दौरात छूआछूत को मिटाने के लिए संत रविदास द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला गयाएजिसमे संत रविदास की महिमा का गुणगान भी किया गया। जिसमे लोगो ने बताया की संत रविदास ने काम को महत्व दिया और गंगा स्नान के लिए कहा कि मन चंगा तो कठौती में गंगा।