लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली को लेकर बेहद कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से डीएम और एसएसपी/एसपी से कहा कि फील्ड में तैनाती जनसेवा का सबसे अच्छा अवसर होता है। इसके साथ ही राजस्व वादों के निपटारे में देरी पर उन्होंने मंडलायुक्त और डीएम की जवाबदेही तय की है।
मुख्यमंत्री ने आईजीआरएस की दो माह की रिपोर्ट की तुलना करते हुए कहा कि अधिकारी जनता के लिए तैनात हैं, जनता से मिलना और उनकी समस्याओं का निस्तारण शीर्ष प्राथमिकता पर होना चाहिए। फील्ड में तैनात जो अधिकारी-कर्मचारी क्लब कल्चर के चलते ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, वे तत्काल फील्ड की तैनाती छोड़ दें।
भविष्य से खिलवाड़ करने जैसा
मुख्यमंत्री ने कहा कि फील्ड में हर तैनाती मेरिट के आधार पर ही होनी चाहिए। यदि कहीं किसी अधिकारी ने सिफारिश अथवा किसी दबाव में फील्ड में अधीनस्थ अधिकारी की तैनाती की गई है तो ऐसा करना संबंधित अधिकारी के लिए अपने भविष्य से खिलवाड़ करने जैसा है।
शोभा यात्राओं में न बजे अश्लील गीत
योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्र, दुर्गा पूजा, विजयादशमी, दशहरा, दीपावली व छठ पूजा के मौके पर सुरक्षा प्रबंधों को लेकर कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक मुक्त पंडालों आदि के साथ त्योहारों को हर्ष, उल्लास और सौहार्द के साथ मनाए जाने के लिए सभी पुख्ता प्रबंध किए जाएं। धर्मस्थलों व शोभा यात्राओं में कहीं अश्लील गीत व कानफोड़ू डीजे नहीं बजना चाहिए। ऐसा हुआ तो एसएसपी व एसपी की जवाबदेही होगी।
शोहदों पर करें कठोर कार्रवाई
योगी ने पिछले दिनों बरेली में छात्रा के साथ हुई घटना को बेहद गंभीरता से लिया। कहा कि शोहदों पर कठोर कार्रवाई की जाए। एंटी रोमियो स्क्वाड को सक्रिय कर स्कूल-कॉलेजों के पास चेकिंग बढ़ाई जाए। सरकार की प्राथमिकताओं में महिलाओं की सुरक्षा है। इसमें भी बालिकाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के कड़े प्रबंध किए जाएं।