यासीन फिलहाल आजीवान कारावास की सजा काट रहा है। न्यायाधीश सुरेश कुमार कैट और शैलिंदर कौर ने मामले में 14 फरवरी तक के लिए सुनवाई टाल दी है।
29 मई को हाईकोर्ट ने यासीन मलिक को एनआईए द्वारा मौत की सजा की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया था, साथ ही कहा था कि अगली सुनवाई में कोर्ट में मौजूद रहने को कहा था।
जेल अधिकारी एक आवेदन दाखिल कर कोर्ट से मांग की थी कि वह उसे वर्चुअली (वीडियो कॉन्फ्रेंस) के जरिए पेश होने का आदेश दिया जाए, क्योंकि वह हाई रिस्क कैदी की श्रेणी में आता है। इसलिए सार्वजनिक व्यवस्था और उसकी सुरक्षा को देखते हुए वह शारीरिक रूप से कोर्ट में पेश नहीं हो सकता है। कोर्ट ने उसे वर्चुअली पेश होने का आदेश दिया था।
दिल्ली की एक निचली अदालत ने 24 मई, 2022 को मलिक कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और आईपीसी के तहत विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।