नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 (Telecommunications Bill, 2023) बिल पास हो चुका है। इसी के साथ इस बिल को 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की जगह मिलने जा रही है।
टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर किसी भी देश या व्यक्ति के टेलीकॉम सेवा से जुड़ी सुविधाओं को रोकने का प्रावधान किया गया है। आपात स्थिति में मोबाइल सेवाओं और नेटवर्क पर भी रोक लगाने का अधिकार भी प्रावधान किया गया है।
यह बिल कानून बनता है तो बहुत से नियम पहले की तरह नहीं रहेंगे। नए नियमों के साथ कई नए बदलाव देखे जा सकेंगे-
ऐसे होंगे नए बदलाव
अनचाही कॉल्स
- नया बिल कानून बनता है तो किसी भी स्मार्टफोन यूजर के फोन में आने वाली अनचाही कॉल्स को पूरी तरह से खत्म करने में मदद मिलेगी।
- नए नियमों के साथ सरकार ने अनचाही कॉल्स करने वालों पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगा सकेगी।
- बार-बार अनचाही कॉल की जाती है तो ऐसी स्थिति में जुर्माने की राशि 2 लाख रुपये हो जाएगी।
- अनचाही कॉल करने वाले के सभी कनेक्शन बंद कर दिए जाएंगे।
फेक सिम कार्ड
- नए नियमों के साथ बिना ग्राहक की पहचान के सिम कार्ड नहीं बेचा जा सकेगा। सिम कार्ड के लिए ग्राहक का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी होगा।
- ग्राहक को किसी भी तरह का मैसेज भेजे जाने से पहले उसकी मंजूरी लिया जाना जरूरी होगा।
- किसी के डेटा नेटवर्क पर सेंध लगाया जाता है तो भी जुर्माने का प्रावधान है।
ओटीटी ऐप्स
इस टेलिकॉम बिल में ओटीटी ऐप्स वॉट्सऐप, सिग्नल और टेलीग्राम को रेगुलेट करने के बारे में नहीं कहा गया है। नए नियमों का प्रभाव इन प्लेटफॉर्म पर पड़ता नजर नहीं आएगा।
इंटरनेट शटडाउन
नए नियमों के मुताबिक देश में इंटरनेट शटडाउन करने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास होगा।
टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर
- नए नियमों के साथ वेव फी, इंटरेस्ट, एडिशनल चार्ज, पेनाल्टी को माफ करने की शक्ति हटा दी गई।
- दिवालियेपन और दिवालियापन से जुड़ी खास शर्तें हटा दी गई हैं। टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर दिवाला कार्यवाही के दौरान सेवाएं देना जारी नहीं रख सकता है।
सरकार के पास होंगे विशेषाधिकार
- टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाने के लिए 3 साल की सजा मिल सकती है। फाइबर काटने और टावर तोड़ने पर 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लिया जा सकेगा।
- नए नियमों के साथ सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा के मध्यनजर किसी भी व्यक्ति के मैसेज को ट्रैक कर सकती है। इतना ही नहीं मैसेज ट्रांसमिशन को भी रोक सकती है।
- जनहित में टेलीकॉम कंपनियों को सरकार की ओर से किसी भी तरह का मैसेज भेजा जा सकता है।