हल्द्वानी। बंजारा परिवार से ताल्लुक रखने वाले अब्दुल मलिक का रसूख किसी से छिपा नहीं है। इसे पहचान विरासत में मिली। बाहुबल व धनबल के दम पर मलिक सियासत करने उतरा और फरीदाबाद सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा। अब यह बनभूलपुरा उपद्रव प्रकरण का साजिशकर्ता है।
हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अब्दुल मलिक के दादा आजादी से पहले आकर बसे। दादा और पिता दोनों ने गांव-गांव जाकर गेहूं व चावल खरीदना शुरू किया। कम दाम पर अनाज खरीदकर उचित दामों पर बेचा जाता था। बंजारा परिवार में अब्दुल मलिक पांच भाइयों में सबसे छोटा है। इसकी पैदाइश बनभूलपुरा की है। इसे पहचान विरासत में मिली।
मलिक ने 2004 में आजमाया था राजनीति में हाथ
1960 में मलिक के ताऊ अब्दुल्ला हल्द्वानी के पालिकाध्यक्ष रहे चुके हैं। उन्हीं के नाम से बरेली रोड पर अब्दुल्ला बिल्डिंग है। मलिक ने हर काम में हाथ आजमाया। मलिक ने वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा के फरीदाबाद संसदीय सीट से चुनाव लड़ा। उसे 71,459 वोट मिले मगर चुनाव हार गया। मलिक की वापसी फिर हल्द्वानी में हुई। अब्दुल मलिक बनभूलपुरा के मुस्लिम समुदाय में बड़ा नाम है।
कभी था पोंटी चड्डा का पार्टनर
मलिक के साथ पढ़ने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि शराब कारोबारी पोंटी चड्डा ने गोला में जब खनन का काम किया था तब उसका पार्टनर अब्दुल मलिक भी बना था। काम को उसी ने संभाला लेकिन पार्टनरशिप ज्यादा दिन नहीं चली।
पुलिस 24 घंटे में कब्जे में लेगी
बनभूलपुरा में वैध व अवैध असलहों से फायर झोंकना उपद्रवियों को महंगा पड़ गया है। डीएम वंदना ने लाइसेंसी शस्त्रों के दुरुपयोग की आशंका को देखते हुए 120 लोगों के 127 शस्त्र लाइसेंस अग्रिम आदेश तक निरस्त कर दिए हैं। साथ ही एसएसपी को 24 घंटे के अंदर शस्त्रों व लाइसेंस को कब्जे में लेने के निर्देश दिए हैं।
वसूले जाएंगे 2.44 करोड़
नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने अब्दुल मलिक के नाम पर वसूली नोटिस जारी कर कहा कि निगम संपत्ति के नुकसान के ऐवज में 2.44 करोड़ रुपये 15 फरवरी यानी तीन दिन में जमा करने होंगे। कर्मचारी हेलमेट से लेकर बुलडोजर तक के नुकसान की रकम वसूली जाएगी।