लखनऊ। ट्रेन में खाना खाकर यशवंतपुर-गोरखपुर एक्सप्रेस के 109 यात्री बीमार हो गए। यात्री नागपुर से बीमार होना शुरू हुए। उनको बीच रास्ते कहीं इलाज नहीं मिला। ट्रेन तीन रेल मंडल मुख्यालय नागपुर, झांसी और भोपाल से होते हुए ऐशबाग आ गई। ऐशबाग में रेलवे के डाक्टरों ने बीमार यात्रियों का इलाज किया। इस दौरान रास्ते में इटारसी, भोपाल, झांसी और कानपुर जैसे बड़े रेलवे स्टेशन भी मिले।
यशवंतपुर-गोरखपुर सुपरफास्ट में रसोई यान का खाना बेचने वाले कर्मचारियों से नागपुर में गुरुवार शाम को एसी थर्ड बोगी बी-1, बी-3, बी-पांच, बी-सात के यात्रियों के अंडा करी खरीदा था। अंडा करी खाते ही करीब 50 यात्रियों ने उल्टी होने की शिकायत की। यात्रियों ने इटारसी के पहले इसकी सूचना रेलवे को दी। इस पर भी इटारसी में यात्रियों को इलाज नहीं मिला। इसके बाद झांसी से भी ट्रेन निकल गई।
कानपुर में 59 और यात्री अंडा बिरयानी खाने के बाद बीमार हो गए। यात्रियों को उल्टी और दस्त होते देख टिकट चेकिंग स्टाफ ने तुरंत इसकी जानकारी कंट्रोल रूम को दी। कंट्रोल रूम से मिली सूचना को रेलवे के डा. हैंकी ने पूर्वोत्तर रेलवे की ऐशबाग पालीक्लीनिक के डाक्टर संजय तिवारी को साझा की। डा. संजय तिवारी, बादशाहनगर अस्पताल के सीएमएस डा. बीएन चौधरी और पैरामेडिकल स्टाफ दवाएं लेकर ऐशबाग स्टेशन पहुंच गए।
लखनऊ नहीं उतरे यात्री
दोपहर करीब डेढ़ बजे ट्रेन प्लेटफार्म नंबर एक पर आई। यहां 50 यात्री बीमार चिह्नित किए गए। उनको दवा और ओआरएस देकर ट्रेन से उतरने को कहा गया। हालांकि यात्री लखनऊ नहीं उतरे और आगे रवाना हो गए। इस पर सभी यात्रियों की मानीटरिंग के लिए बादशाहनगर, गोंडा और बस्ती में रेलवे के डाक्टरों को भेजा गया। पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी महेश कुमार गुप्ता का कहना है कि खाना खाने से 45 यात्री बीमार हुए थे। उनका उपचार कर दिया गया।