Latest News नयी दिल्ली राष्ट्रीय वाराणसी

UP: महाश्मशान में दिखेगा नूतन-पुरातन का अनूठा संगम, बनारस का यह घाट होगा अब भव्य और सुंदर


 वाराणसी। पांच तीर्थों में शामिल महाश्मशान मणिकर्णिका अब नए स्वरूप में दिखेगा। इस घाट पर नूतन-पुरातन रीति बीच अंतिम संस्कार पश्चात शिवलोक की प्राप्ति की मान्यता जीवंत होते दिखेगी। शव चंदन समेत अन्य लकड़ी के साथ सीएनजी से भी दाह करने की सुविधा होगी।

घाट के पुनर्विकास पर कुल 18 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। समस्त राशि रूपा फाउंडेशन, कोलकाता के सीएसआर फंड से लगेगी। हालांकि पाइलिंग व शवदाह गृह बढ़ने आदि के कारण इस पर अब लगभग तीन करोड़ से अधिक राशि बढ़ने की बात कही जा रही है। इसका इस्टीमेट बनाकर भेज दिया गया है।

मलबा हटाना बड़ी चुनौती

कार्यदायी एजेंसी से जुड़े लोगों का कहना है कि मलबा हटाना यहां सबसे बड़ी चुनौती है। सकरी गलियों के कारण रोड मार्ग से मलबा हटाया नहीं जा सकता है, इसलिए रो-रो के माध्यम से गंगा पार मलबा ले जाया जा रहा है। इस कारण कार्य बहुत सुस्त है। यह कार्य अब अगले साल तक पूरा हो सकेगा। अगस्त सितंबर में गंगा का पानी बढ़ेगा तो भी कार्य प्रभावित होगा। घाट का दो भागों में बांट कार्य प्रारंभ है। एक घाट के निर्माण के बाद दूसरे पर कार्य होगा।

पीएम ने रखी थी नींव

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सात जुलाई, 2023 को महाश्मशान मणिकर्णिका का शिलान्यास किया था। चुनार के बलुआ व जयपुर के गुलाबी पत्थरों से इस घाट को संवारने की योजना है।

खुले में जलते नहीं दिखेंगे शव, बनेंगे 32 क्रेमाटाेरियम

चिता की आग कभी न बुझने वाले इस महाश्माशान की सबसे बड़ी खासियत अब यह होगी कि अब गंगा किनारे जलते शव नहीं दिखेंगे। एक बड़े से हाल में पत्थरों से बने 32 से अधिक शवदाह गृह (क्रेमाटोरियम) पर चिता को रखकर आग लगाई जा सकेगी। परिजन यहां तक पहुंच सकेंगे।

लकड़ी व सीएनजी से शव जलाने की सुविधा होगी। शवदाह गृह में ऊर्जा गैस इक्विपमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी की ओर से अगल से लगभग तीस मीटर की ऊंचाई वाली चिमनी लगाई जाएगी। इससे प्रदूषण कम होगा और आसपास के लोगों को राहत मिलेगी।

मणिकर्णिका कुंड भी संवरेगा

महाश्माशन क्षेत्र स्थित पवित्र मणिकर्णिका कुंड व रत्नेश्वर महादेव मंदिर को भी सजाया संवारा जाएगा। रत्नरेश्वर महादेव समेत आसपास के अन्य तीन मंदिर भी ठीक कराए जाएंगे। शव स्नान के लिए अलग से पवित्र जल कुंड भी होगा। महाश्मशान देखने के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए अलग से एक विजिटर मार्ग भी बनेगा।

ये भी होंगे निर्मित

भूतल पर पंजीकरण कक्ष, लकड़ी भंडारण क्षेत्र, सामुदायिक प्रतिक्षा कक्ष, दो सामुदायिक शौचालय , हरित क्षेत्र के अलावा आसपास के क्षेत्र को भी डेवलप किया जाएगा।

 

रूपा फाउंडेशन

रूपा फाउंडेशन 2007 में स्थापित एक गैर-लाभकारी संगठन है जो मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, जल और शासन क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य को कराता है। इसका कार्यालय कोलकाता में है।

वाराणसी मंडल कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने कहा कि मणिकर्णिका घाट के पुर्नविकास का कार्य चल रहा है। बजट का कोई रोड़ा नहीं। मलबा हटाने की परेशानी को दूर कराया जा रहा है। समय से यह कार्य पूरा होगा।