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Delhi Excise Policy Case: अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित


नई दिल्ली। आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका और मेडिकल जांच के दौरान पत्नी की मौजूदगी को लेकर दायर आवेदन पर आज बृहस्पतिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने याचिका पर विस्तृत सुनवाई के बाद बृहस्पतिवार को अपना फैलला सुरक्षित रख लिया।

आज सुनवाई के दौरान ईडी ने केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध किया। ईडी की ओर से पेश एएसजी राजू ने कहा कि हर कोई जानता है आप पार्टी के मामलों के लिए सिर्फ अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार हैं।

ईडी का प्रतिनिधित्व करने वाले एएसजी एसवी राजू ने राउज एवेन्यू कोर्ट में कहा कि 7 नवंबर 2021 को अरविंद केजरीवाल होटल ग्रैंड हयात में ठहरे थे। दो किस्तों में 1 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। इसका भुगतान चनप्रीत सिंह ने अपने बैंक खाते से किया था।

चनप्रीत ने चुकाया था केजरीवाल के होटल का बिल

एएसजी एसवी राजू ने कहा कि चनप्रीत वह व्यक्ति है जिसने अलग-अलग ‘अंगड़िया’ से 45 करोड़ रुपये लिए थे। उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। एएसजी ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि चनप्रीत ने गोवा में केजरीवाल के होटल का बिल चुकाया था। कोर्ट ने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया। पिछली सुनवाई में केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि‌‌ पूरा मामला केवल‌ गवाहों के बयान पर आधारित है।

इससे पहले बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी। न्यायिक हिरासत समाप्त होने के बाद उन्हें जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था।

21 मार्च को हुई थी गिरफ्तारी

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को अरेस्ट किया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से मई में उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 1 जून तक की अंतरिम जमानत दी गई थी। 2 जून को उन्होंने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था। तब से वह न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।