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Sambhal Violence: एफआईआर के बाद जिआउर्रहमान का रिएक्शन, सांसद के बचाव में उतरी सपा, सियासत हाई


नई दिल्ली। संभल में हिंसा भड़काने के मामले में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जिआउर्रहमान बर्क, सदर विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल और अन्य पांच लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई है।

संभल हिंसा मामले में सियासत तेज हो गई है। रिपोर्ट के बाद संसद के शीतकालीन सत्र में जाते है जिआउर्रहमान बर्क ने अपना रिएक्शन दिया है।

सपा सांसद ने कहा- यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, यह एक पूरी तरह से पूर्व नियोजित घटना है। देशभर में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और आजादी के बाद इतने बुरे हालात कभी नहीं हुए। जिस तरह से प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का उल्लंघन हो रहा है। एक के बाद एक याचिकाएं दाखिल हो रही हैं और उसी दिन सुनवाई भी हो रही है और आदेश भी आ रहा है। इसके साथ ही डीएम और एसपी ने उसी दिन जाकर सर्वे कराया। हमने बहुत शांतिपूर्ण तरीके से उन्हें सर्वे करने दिया।

जिआउर्रहमान बर्क ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा- जुमे की नमाज के दिन मस्जिद के आसपास बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर दी। साथ ही लोगों को नमाज पढ़ने से रोका गया। उसके बावजूद हमने लोगों से कहा कि किसी प्रकार के कदम उठाने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने एडवोकेट कमिश्नर द्वारा दूसरी बार सर्वे किए जाने पर कहा, कि दूसरी बार सर्वे करने का क्या मतलब बनता था? यदि आप सर्वे करना चाहते थे तो कोर्ट का आदेश लेकर आते।

जिआउर्रहमान के बचाव में उतरी सपा

वहीं जिआउर्रहमान बर्क पर एफआईआर के बाद सपा उनके बचाव में उतर गई है। सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि ‘जिआउर्रहमान बर्क उस समय घटना के समय वहां पर थे ही नहीं। यह सब झूठ है।’

उन्होनें मांग करते हुए कहा- ‘जिन लोगों ने गोली चलाई हैं। जिसके लिए वहां के ज़िलाधिकारी और एसपी ज़िम्मेदार हैं उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज़ होना चाहिए।’

सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, “घटना दुखद है। मैं उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करता हूं कि अब दोबारा इस तरह की घटना ना हो।”

असदुद्दीन ओवैसी ने की जांच की मांग

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने संभल हिंसा पर कहा- मस्जिद 50-100 साल पुरानी नहीं है, यह 250-300 साल से अधिक पुरानी है और अदालत ने लोगों की बात सुने बिना एक पक्षीय आदेश पारित कर दिया।’

सांसद दूसरे सर्वे पर सवाल उठाते हुए कहा- कि वहां पर दूसरे सर्वे से पहले आदेश लेने चाहिए थे, जो कि नहीं लिए गए थे। उन्होंने कहा जो लोग सर्वे करने आ रहे हैं वह भड़काऊ नारा लगा रहे हैं, जिसका वीडियो पब्लिक डोमेन में है।

उन्होंने हिंसा की निंदा करते हुए कहा- पुलिस द्वारा यह फायरिंग नहीं मर्डर है। जब से राम मंदिर का आदेश आया, उसके बाद एक के बाद एक फाइल खोली जा रही हैं। इसमें शामिल अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए और मौजूदा उच्च न्यायालय से इसकी जांच कराई जानी चाहिए कि यह पूरी तरह से गलत है, वहां अत्याचार हो रहा है

नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कहा, ‘संभल की घटना में 4 लोगों की जान गई। हिंसा किसी चीज का हल नहीं है। हर हिंसा के पीछे कोई कारण होता है, उसे जानना जरूरी है। लगातार किसी धार्मिक स्थल पर बार-बार अपना आधिपत्य दिखाने और उसे अपने हिस्से में लेने की कवायत चल रही है वो अच्छी नहीं है।’ उन्होंने हिंसा को पुलिस, प्रशासन और सरकार की विफलता बताया।