पटना बिहार राष्ट्रीय

बिहार : किसके सिर ताज, फैसला आज


पक्ष-विपक्षकी बढ़ी धड़कने, सुरक्षाके कड़े प्रबंध
पटना (आससे)। बिहार में किस दल की सरकार बनेगी। आज शुक्रवार को तय हो जाएगा। क्या इस बार बदलाव होगा या मौजूदा सरकार बरकरार रहेगा। इन तमाम बातों का पता बिहार के 38 जिलों के 243 सीटों के मतगणना के बाद पता चलेगा ।वर्ष 19 51 के बाद बिहार में मतदाताओं ने जो अपना बंपर वोट किया उससे सभी दलों का समीकरण बदल गया। बिहार में महिला वोटरों की संख्या साढ़े तीन करोड़ है। जबकि सरकार ने चुनाव से पहले सवा करोड़ महिलाओं को दस-दस हजार रुपए दिए थे। बाकी अन्य म सवा दो करोड़ महिलाओं को यह राशि नहीं मिली। रुपए से वंचित यह महिलाएं किस पार्टी को वोट दिया होगा। यह आप खुद समझ सकते हैं। इसलिए इस बार रिकॉर्ड मत पड़े। बिहार में बेरोजगार, नौजवान वोटर पलायन और नौकरी नहीं मिलने से सत्तारुढ़ सरकार से विदक कर युवा महागठबंधन को अपना समर्थन दिया। इस बार वैसा कोई लहर नहीं था जैसा नरेंद्र मोदी के पहले चुनावों में देखा गया। फिर बंपर वोट किस दल को मिला। यह तो शुक्रवार को दोपहर होते-होते बिहार के सभी को पता चल जाएगा। आखिर बिहार के भाग्य में लिखा क्या है। क्या नीतीश कुमार फिर पलट जाएंगे? आरजेडी को आशंका का है कि उनके विधायकों को तोडा ना जाए इसके लिए उन्हें पटना के होटल में लाकर रखने की योजना बना रखी है। बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार के दफ्तर में एक बार फिर एनडीए सरकार का पोस्टर लगा हुआ था। आज पोस्ट बदलकर, एक दिन बाद नीतीश कुमार। गुरुवार को सुबह होते ही जदयू कार्यालय में पोस्ट बदलकर टाइगर जिंदा है लग गया । इस पोस्ट को लेकर बीजेपी में बेचैनी बढ़ गई है। इधर तेजस्वी यादव ने पूरे बिहार के ईवीएम की सुरक्षा के लिए अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को पूरी तरह निगाहें का जिम्मेवारी सौंप दिया है। ईवीएम बदल ना जाए इसके लिए लगा दिया है। आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह ने कहा है कि ईमानदारी से कम कीजिए अगर बेईमानी हुई तो बिहार नेपाल जैसा हाल हो जाएगा। एग्जिट पोल अब अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है। इस पर अब लोगों को विश्वास नहीं रहा। 2020 में भी एग्जिट पोल ने बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद कहा था ।लेकिन सरकार बना महागठबंधन का और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने। इस बार बिहार का कौन होगा बादशाह शुक्रवार को सभी को पता चल जाएगा।
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