पटना

रामविलास की बरसी पर दिखा पूरा परिवार, पशुपति की आंखों से छलके आंसू


(आज समाचार सेवा)

पटना। पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली बरसी पर लोजपा के दोनों गुटों के नेताओं ने शिरकत की। पासवान के भाई और केंद्रीय खाद्य-प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस भतीजे चिराग पासवान के साथ बरसी के लिए हो रहे कर्मकांडीय विधान के दौरान पूरे समय बैठे रहे। बाद में उन्होंने भावुक होकर कहा कि रामविलास पासवान केवल उनके बड़े भाई नहीं बल्कि भगवान थे। उनकी बरसी में आने के लिए उन्हें निमंत्रण की जरूरत नहीं थी। बरसी के मौके पर पासवान परिवार का हर सदस्य पुराने गिले-शिकवे भुलाकर जुटा। चिराग पासवान की मां रीना पासवान ने लोगों की अगवानी की। इस मौके पर चिराग पासवान की बड़ी मां राजकुमारी देवी भी गांव से आ गई थीं। प्रदेश के राज्यपाल फागु चौहान, विधानसभाध्यक्ष विजय सिन्हा और विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने चिराग पासवान के कृष्णापुरी स्थित आवास पर पहुंचकर रामविलास पासवान के चित्र पर माल्यार्पण किया। प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पासवान को श्रद्धांजलि  देने के बाद परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। चिराग को ढाढ़स बंधाया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पद्मभूषण से सम्मानित पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान को उनकी प्रथम बरसी पर श्रद्धांजलि दी। वहीं उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, मंत्री मंगल पांडे और नितिन नवीन ने भी श्रद्धांजलि सभा में शिरकत की। वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव और राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी और श्याम रजक भी पहुंचे थे। पासवान को पहली बरसी पर श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर से लोजपा नेता पहुंचे।

इनमें गुजरात और दिल्ली समेत दर्जनभर प्रदेशों के अध्यक्ष भी शामिल थे। बिहार के कोने-कोने से भी लोजपा के कार्यकर्ता अपने नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए जमा हुए। गौरतलब है कि पासवान परिवार में रामविलास पासवान के निधन के बाद सबसे बड़े पुरुष सदस्य के रूप में पशुपति पारस हैं, वहीं उनके बाद चिराग पासवान का नंबर आता है। लेकिन रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग पर यह आरोप लगने लगे कि वह परिवार को साथ लेकर नहीं चल रहे हैं।

वहीं चिराग मे अपने चाचा पर भी इसी प्रकार का आरोप लगाया था कि पिता के निधन के बाद वह कभी उनके घर नहीं आए। एक तरह से पूरा परिवार टूट गया था। जिसका असर लोजपा पर भी पड़ा और तीन माह पहले पार्टी में टूट हो गई। चाचा पशुपति ने अपने बड़े की राजनीतिक विरासत पर कब्जा करते भतीजे को किनारा कर दिया। जिसके बाद रामविलास पासवान के जन्मदिन पर दोनों के बीच दूरी बनी रही।

पिछले तीन माह में यह पहला मौका होगा कि जब पूरा परिवार एक साथ नजर आया है। जिस तरह पूरा पासवान परिवार एक साथ नजर आया है। उसे देखने के बाद लोजपा समर्थकों में बेहद खुशी है। समर्थकों का कहना है रामविलास पासवान जी के रहते इस परिवार में कभी दूरियां नहीं आई, अब उनकी पुण्यतिथि पर पूरा परिवार एक साथ नजर आया है तो हम चाहेंगे कि जो मतभेद चाचा भतीजे के थी, वह हमेशा के लिए खत्म हो जाए।