लोगोंको लगेगा महंगीका करंट, सरकारने जारी किया नोटिफिकेशन
चालू वित्तीय वर्ष २०२५-२६ के लिए बिजली की दरोंको तय करने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू होगी
लखनऊ (आससे.)। राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने के साथ ही प्रदेश में मल्टी ईयर टैरिफ डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन (बहुवर्षीय वितरण टैरिफ विनियमावली)-2025 पहली अप्रैल से लागू हो गए हैं। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा तैयार किए गए नए रेगुलेशन के पांच वर्ष के लिए प्रभावी होने से बिजली कंपनियों को अब जहां सालाना लगभग चार हजार करोड़ रुपये का फायदा होगा वहीं बिजली उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का बड़ा झटका लगेगा। नए रेगुलेशन के तहत नियामक आयोग चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली की दरों को तय करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू करेगा। बिजली कंपनियों द्वारा मौजूदा बिजली दर से एआरआर (वार्षिक राजस्व आवश्यकता) में 13 हजार करोड़ रुपये के दिखाए गए घाटे को देखते हुए माना जा रहा है दरों में 20 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है। दरअसल, बिजली कंपनियों द्वारा आयोग में दाखिल किए गए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के एआरआर में लगभग 70 हजार करोड़ रुपये की बिजली खरीद प्रस्तावित है। बिजली चोरी आदि से वितरण हानियां आरडीएसएस के तहत 13.82 प्रतिशत प्रस्तावित है। बिजली कंपनियों ने परिचालन एवं अनुरक्षण खर्च सहित प्रशासनिक एवं सामान्य व्यय के लिए लगभग 11,800 करोड़ रुपये एआरआर में प्रस्तावित किया है। आयोग द्वारा एआरआर प्रस्ताव का नए रेगुलेशन में ध्यान रखने से कहा जा रहा है इसका बड़ा फायदा बिजली कंपनियों और निजी घरानों को ही होगा। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि नए रेगुलेशन से आयोग एआरआर में ज्यादा कटौती नहीं कर पाएगा, जिससे कंपनियों को चार हजार करोड़ रुपये तक का फायदा होगा। वितरण हानियां ज्यादा होने से कंपनियों को लगभग दो हजार करोड़ रुपये का फायदा होगा। इस तरह से बिजली कंपनियों का अब 3.45 करोड़ उपभोक्ताओ पर सरप्लस निकलेगा। बता दें कि अब तक उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर लगभग 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस निकल चुका है। यही कारण है कि पिछले साढ़े पांच वर्ष से बिजली की दरें यथावत हैं।
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