नई दिल्ली। मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) द्वारा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने बड़ा बयान दिया है। राउत ने कहा कि देशमुख पर लगे वसूली के आरोपों से उपजे विवाद का मुद्दा, राज्य की महा विकास आघाडी सरकार के लिए समाप्त हो चुका है।
देशमुख को पद से हटाई की जरूरत नहीं- राउत
शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘(सिंह द्वारा लिखे गए) उस पत्र का मुद्दा एमवीए सरकार के लिए अब खत्म हो चुका है। गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी इस मामले में किसी भी जांच का स्वागत किया है।’ उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अनिल देशमुख का मत है कि सिंह के पत्र में लगाए गए आरोपों की जांच होनी चाहिए। एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश जांच की निगरानी करेंगे इसलिए देशमुख को पद से हटाने की कोई जरूरत नहीं है।’
राउत ने की राज्यपाल की आलोचना
शिवसेना सांसद ने कहा कि इससे पता चल जाएगा कि कौन राज्य की छवि बिगाड़ना चाहता है। सिंह ने ठाकरे को 20 मार्च को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि देशमुख पुलिस अधिकारियों से होटलों और बार से प्रतिमाह सौ करोड़ रुपये उगाही करने को कहते थे। हालांकि, मंत्री ने आरोप खंडन किया था। राउत ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर अपने कोटे से 12 उम्मीदवारों को विधान परिषद का सदस्य नामित करने पर कोई फैसला न लेने के लिए उनकी आलोचना की।
12 उम्मीदवारों के नाम का सम्मान नहीं कर रहे गवर्नर
राज्य मंत्रिमंडल ने विधान परिषद के लिए राज्यपाल के कोटे से 12 उम्मीदवारों के नाम का सुझाव दिया था। राउत ने कहा, ‘क्या राज्यपाल उन 12 उम्मीदवारों पर पीएचडी कर रहे हैं? क्या वह उनके नाम पर अधिकतम दिनों तक निर्णय न लेने का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं? वह संवैधानिक रूप से सुझाए गए 12 उम्मीदवारों के नाम का सम्मान नहीं कर रहे हैं।’
गृह मंत्री देशमुख ने उद्धव को लिखी चिट्ठी
अनिल देशमुख ने आधी रात को ट्वीट कर यह बात कही और ठाकरे को 21 मार्च को लिखे पत्र की प्रति भी साझा की जिसमें उन्होंने सिंह के आरोपों की तुरंत जांच कराने की मांग की थी। देशमुख ने ट्वीट किया, ‘मैंने माननीय मुख्यमंत्री से मेरे खिलाफ परमबीर सिंह के आरोपों की जांच कराने का आदेश देने की मांग की है ताकि स्थिति साफ हो। अगर माननीय मुख्यमंत्री जांच का आदेश देते हैं तो मैं इसका स्वागत करूंगा। सत्यमेव जयते।’