रेलवे बोर्डके आदेशके इंतजारमें है आईआरसीटीसी
भगवान शिवके तीन ज्योर्तिलिंगोंको जोडऩे वाली आईआरसीटीसी की ओरसे चलायी गयी काशी महाकाल एक्सप्रेसका संचालन कोराना कालसे ही बंद है। इंदौरके लिए कैण्ट रेलवे स्टेशनसे गुजरने वाली दो ट्रेनोंमें लम्बी वेटिंग चल रही है। ऐसे में यात्रियोंको महाकाल एक्सप्रेस चलनेका इंतजार है। इस ट्रेनकी शुरुआत काशीके बाबा विश्वनाथ एवं उज्जैनके महाकालेश्वर महादेव के दर्शन करने वाले भक्तोंकी सुविधाके लिए की गयी थी। यात्रियोंने इस ट्रेनको काफी पसंद किया गया था। आईआरसीटी ने इस ट्रेनमें यात्रियोंकी सुविधाको ध्यानमें रखकर पैकेज भी लांच किया था। काशी महाकाल ट्रेन कोविड-१९ के चलते २२ मार्चसे ही बंद कर दिया गया था। इसके बाद इस ट्रेनके रैकको कैण्ट स्टेशनके वाशिंग लाइनमें खड़ा कर दिया गया। तब से ट्रेन वही खड़ी है। रेलवेकी ओर से एक जूनसे ट्रेनोंका संचालन शुरू हुआ तो महाकाल के दर्शन करने वाले भक्तोंको इस ट्रेनके भी शुरू होनेका इंतजार था। लेकिन काफी समय बीत जानेके बाद भी महाकाल एक्सप्रेस का संचालन नहीं शुरू हुआ। इसके कारण यात्रियोंमें काफी मायूसी है।
कैंटसे चलने वाली ट्रेनें
कैण्ट स्टेशनसे इंदौरके लिए दो ट्रेनें चलती है। इन ट्रेनोंमें हमेशा वेटिंग ही रहती है। ट्रेन नम्बर ०९१६८ साबरमती स्पेशल एवं ०९३१४ इंदौर-राजेन्द्रनगर स्पेशल ट्रेन इन दोनोंमें वेटिंग की लम्बी फेहरिस्त है। इस कारण यात्रियोंको यात्राके लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है। यात्रियोंका कहना है कि काशी महाकाल एक्सप्रेसका संचालन स्थगित होने से ज्योतिर्लिंगों दर्शन नहीं हो पा रहा है। दूसरी ट्रेनोंमें महाकाल एक्सप्रेस जैसी सुविधाओंका आभाव मगर दर्शनके इच्छुक यात्रियोंको उन ट्रेनोंमें कंफर्म सीट भी नहीं मिल पा रहा है।
इस संबंधमें कैण्ट स्टेशनके मंडल यांत्रिक अभियन्ता नितेश पाण्डेय से ट्रेनके विषयमें जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि काशी महाकाल एक्सप्रेसके रैकको वाशिंग लाइनमें खड़ा रखा गया है। इस ट्रेनका हर १५ दिनमें चेक किया जाता है। रेलवे जब भी ट्रेनके संचालनका आदेश देगा। दो घंटेमें ट्रेनको तैयार कर दिया जायेगा। वहीं आईआरसीटीसी के सहायक प्रबंधक वी.पी. पाण्डेय ने बताया कि ट्रेनको रखरखावके लिए रेलवेके सुपुर्द कर दिया गया है। रेलवे बोर्डके आदेशका इंतजार है। आदेश मिलते ही ट्रेनका संचालन शुरू कर दिया जायेगा।