मेलबर्न (एजेन्सियां)। ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान टिम पेन ने कहा है कि ब्लैक लाइव्स मैटर (बीएलएम) अभियान से पहले वह चीजों की अनदेखी करते थे जबकि उप कप्तान पैट कमिंस ने अश्वेत लोगों के प्रति पीड़ादायक टिप्पणी करने की बात स्वीकार की है जिसका उन्हें अब खेद है। पेन ने कहा कि वह नस्लवाद की समस्या के बारे में अधिक नहीं सोचते थे क्योंकि इसका असर उन पर नहीं पड़ता था लेकिन बीएलएम अभियान ने उनके नजरिये को बदल दिया। ब्लैक लाइव्स मैटर अभियान के शुरू होने के बाद पिछले १२ महीने में मेरा नजरिया बदला। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉक्सिंग डे टेस्ट २६ दिसंबर से मेलबर्न क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा। यह मैच भारतीय टीम के लिए बेहद खास है, क्योंकि एडिलेड में खेले गए पहले मैच में उसे हार मिली थी। उसकी पूरी कोशिश होगी कि मेलबर्न में वापसी करे, लेकिन बॉक्सिंग डे टेस्ट इतिहास पर नजर डालें तो उसका रेकॉर्ड बेहतर नहीं है। अभी तक उसने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट के रूप में आठ मैच खेले हैं। इस दौरान उसे ५ में हार मिली है, जबकि एक टेस्ट में जीत। दो मुकाबले ड्रॉ रहे हैं। जिस मैच में जीत मिली है वह २०१८ में खेला गया था। इस तरह उसे रेकॉर्ड के विपरित बेहतर प्रदर्शन करना होगा। दोनों टीमों के बीच पहला बॉक्सिंग डे टेस्ट १९८५ में खेला गया था। यह मैच ड्रॉ रहा था। इस मैच में भारत के कप्तान कपिल देव थे, जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी एलन बॉर्डर कर रहे थे। मौजूदा सीरीज की बात करें तो फिलहाल परिस्थितियां अलग हैं। नियमित कप्तान विराट कोहली की सेवा भारतीय टीम को नहीं मिलेगी, क्योंकि वह पैटरनिटी लीव पर रहेंगे। एक ओर जहां भारतीय खिलाड़ी संघर्ष कर रहे हैं तो दूसरी ओर, कंगारू टीम पूरे फॉर्म में दिख रही है। उन्होंने कहा, अगर मैं पूरी ईमानदारी से कहूं तो मैं संभवत वह व्यक्ति था जो चीजों की थोड़ी अनदेखी करता था और संभवत यह मेरी दुनिया का हिस्सा नहीं था इसलिए मेरे लिए यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं था। पेन ने कहा, सने चीजों और हमारे मूल निवासियों, अश्चेत लोगों और दुनिया भर में विभिन्न संस्कृतियों के लोगों को जिन चीजों का सामना करना पड़ रहा है उन मुद्दों को लेकर मेरी आंखें खोल दी। कमिंस से जब यह पूछा गया कि उन्होंने नस्लवाद से निपटने में युवाओं की मदद कैसे की तो उन्होंने कहा, आप जो भी कह रहे हो या कर रहे हो उसे करने से पहले कुछ सेकेंड और सोचो। आप चुटकुला सुनाने का प्रयास करते हो और मैं अतीत में ऐसा कर चुका हूं। इस तेज गेंदबाज ने कहा, आप कोई टिप्पणी करते हो और इसके बाद सुनिश्चित करते हो कि आप असल में इस पर गौर करें। मैं इस पर विश्वास नहीं करता था, मुझे नहीं पता था कि मैंने ऐसा क्यों कहा और मुझे नफरत है कि मेरी वजह से उस व्यक्ति ने कैसा महसूस किया। पेन ने कहा कि उन्होंने टीम के अपने साथियों से उनके अनुभव के बारे में बात की और इससे उन्हें चीजों को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिली। उन्होंने कहा, लेकिन इस अभियान के बाद मैंने समय निकालकर टीम के अपने साथियों से बात की क्या तस्मानिया या हरिकेंस या क्लब क्रिकेट में ऐसा होता है वे इसके बारे में क्या महसूस करते हैं और इसका उन पर क्या असर पड़ता है।
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