नई दिल्ली: शक्तिपूजा का महापर्व है नवरात्रि का पर्व। देवी के द्वारा राक्षसों को मारकर उन पर विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस साल 2021 में चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि का आरंभ होगा। मां आदिशक्ति की उपासना का पर्व 13 अप्रैल से शुरू होगा और नवमी तिथि 21अप्रैल को होगी।
नवरात्र में नवदुर्गा के 9 स्वरूपों की अलग-अलग दिन विशेष पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है की मां अपने भक्तों को नवरात्र में खुद आशीर्वाद देने आती है और उनकी इच्छाओं को पूर्ण करती हैं। तो अगर आप भी चाहते है मां की अनुकंपा प्राप्त करना तो रोज करें इन 5 संकटहारी मंत्रों का जाप –
मां दुर्गा के 5 संकटहारी मंत्र
– ” ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नमः ” मंत्र का जाप हर तरह की मनोकामना और सिद्धियों को प्राप्त करने में सहायक होता है।
– ” सर्वबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरी। एवमेव त्याया कार्य मस्माद्वैरि विनाशनम्॥ ” मंत्र का नियंत्रित रूप से जाप करने से शत्रु का नाश और दुख का शमन होता है।
– ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।’ यह मां दुर्गा का सबसे प्रसिद्ध मंत्र है। इस मंत्र का उच्चारण करने से सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं और ज्ञान, बल, बुद्धि, वाणी और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
– महागौरी मंत्र- ‘हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कुरु कल्याणी कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।’ नवरात्रि में इस मंत्र का जाप करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।
– ‘सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।’ इस मंत्र का 108 बार जाप करने से व्यक्ति का कल्याण होता है और जीवन में आ रहें कष्टों से निजात मिलता है।