पटना

ऑक्सीजन या दवा की वजह से किसी कोविड मरीज की न हो मौत : पटना हाईकोर्ट


पटना (विधि सं.)। पटना हाईकोर्ट ने सूबे में कोरोना विस्फोट को देखते हुए केन्द्र व राज्य सरकार को युद्ध स्तर पर काम करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि ऑक्सीजन या इमरजेंसी दवा की किल्लत के कारण किसी कोविड मरीज की मौत नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने यह संकेत भी दिया है कि कोरोना से निपटने में सरकार के हर काररवाई पर हाईकोर्ट की नजर रहेगी।

शनिवार को हुई पौने चार घंटे की मैराथन सुनवाई में न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह व न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने कहा है कि सूबे के जितने भी राजकीय मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को कोरोना डेडिकेटेड सेंटर्स में तब्दील किया जा रहा है, वहां ऑक्सीजन का भंडारण इतना हो कि किसी भी कोविड मरीज की मौत ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से नहीं हो। केन्द्र व राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि कोरोना के लिए रेमेडिसिवर नाम की इंजेक्शन की किल्लत को सोमवार तक खत्म कर इसे पूरे राज्य के कोविड अस्पतालों तक पहुंचवाएं।

बिहटा स्थित इएसआइसी अस्पताल को अभी तक कोरोना सेंटर के तौर पर चालू न होने पर हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार को सख्त लहजे में कहा है कि सोमवार तक पूरा अस्पताल कोविड मरीजों के लिए खुले और ज्यादा से ज्यादा बेड लगवाएं। हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य महकमे को आदेश दिया है कि पूरे राज्य में आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा को बढ़ाई जाए। वर्तमान समय में रोजाना ४० हजार टेस्ट हो रहे हैं, जिसे दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।

पटना के आईजीआईएमएस में मरीजों के परिजनों द्वारा धड़ल्ले से कोविड वार्ड में घुमने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को निर्देश दिया गया कि इस पर फौरन रोक लगवाएं और साथ ही साथ मरीजों के लिए मुफ्त/किफायती भोजन की व्यवस्था हो।

उल्लेखनीय है कि शनिवार को शिवानी कौशिक व गौरव कुमार सिंह की ओर से दायर दो जनहित मामलों पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान एडवोकेट राजीव कुमार सिंह की हस्तक्षेप याचिका पर भी कोर्ट ने संज्ञान लिया। जिसमें रेमिडीसीवेर इंजेक्शन की किल्लत व आइजीआइएमएस में मरीजों के परिजनों द्वारा कोविड वार्ड में धड़ल्ले से घुमने का गंभीर आरोप लगाया गया था।

एडवोकेट राजीव सिंह ने गुहार लगाया है कि सूबे में कोरोना के कारण मारे गये लोगों, जिनमें सूबे के वकील भी शामिल है। उनके जरूरतमंद आश्रितों को पीएम केयर फंड, मुख्यमंत्री राहत फंड वगैर से वित्तीय सहायता दी जाए। इस मामले पर आगे की सुनवाई आगामी सोमवार को पुन: होगी।