कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों के नेता चुनाव प्रचार में जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। इस बीच भारतीय चुनाव आयोग भड़काऊ बयानों के लेकर कई नेताओं पर कार्रवाई भी कर रहा है। रविवार को चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता सायंतन बसु और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता सुजाता मंडल के चुनाव प्रचार करने पर 24 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इलेक्शन कमीशन ने ये कार्रवाई नेताओं द्वारा ‘उकसाने वाला बयान’ देने को लेकर की है।
बता दें कि टीएमसी नेता सुजाता मंडल खां अनुसूचित जाति के खिलाफ विवादित बयान दिया था जिसको लेकर अब चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। इससे पहले ईसी ने सुजाता के खिलाफ उनके बयान को लेकर नोटिस भी जारी कर जवाब मांगा था। ईसी से सुजाता मंडल खां की शिकायत मुख्तार अब्बास नकवी की अगुआई वाले भाजपा के प्रतिनिधि दल ने की थी। सुजाता मंडल पर 18 अप्रैल को शाम 7 बजे से शुरू होकर 19 अप्रैल की शाम 7 बजे तक 24 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया है।
वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग ने भाजपा नेता सायंतन बसु को उनके ‘उकसाने वाले टिप्पणी’ के लिए चुनाव प्रचार करने पर 24 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले चुनाव आयोग ने बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ भड़काऊ भाषण को लेकर चुनाव प्रचार पर रोक लगाया था। उनके ऊपर शीतलकूची फायरिंग कांड को लेकर दिए बयान के चलते कार्रवाई की गई थी। वहीं ईसी भाजपा नेता राहुल सिन्हा और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी 24-24 घंटे का प्रतिबंध लगा चुका है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार की समयसीमा को भी कम कर दिया है।