2028 में चीन अमेरिका को हराकर दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा. लंदन स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. वहीं, 2030 के दशक की शुरुआत में भारत की इकोनॉमी भी वल्र्ड रैंकिंग में छलांग लगाएगी। पहले यह अनुमान लगाया गया था कि 2033 तक चीन की इकोनॉमी दुनिया में सबसे बड़ी हो सकती है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से पैदा हुए संकट के बाद चीन की इकोनॉमी की रिकवरी काफी तेज हुई है, वहीं अमेरिका की इकोनॉमी धीमी गति से बढ़ रही है. इस वजह से 2028 में ही चीन सबसे आगे निकल जाएगा। भले ही कोरोना वायरस चीन के वुहान से शुरू हुआ, लेकिन चीन ने अपने स्किल मैनेजमेंट के जरिए महामारी को काबू किया, सख्त लॉकडाउन लागू किया गया और इसकी वजह से पश्चिमी देशों के मुकाबले चीन की इकोनॉमी की रिकवरी तेज हुई। वल्र्ड इकोनॉमी में सन् 2000 में चीन का शेयर 3.6 फीसदी हुआ करता था, लेकिन 2020 में यह 17.8 फीसदी हो चुका है. वहीं, भारत की इकोनॉमी 2030 के दशक की शुरुआत में जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगी। चीन की इकोनॉमी 2021-25 तक 5.7 फीसदी की औसत इकोनॉमिक ग्रोथ के साथ आगे बढ़ सकती है. वहीं, 2026-30 तक इसकी रफ्तार 4.5 फीसदी रह सकती है. इसके 2030 से 2035 तक चीन की सालाना विकास दर 3.9 फीसदी रहने की उम्मीद है. वहीं, अमेरिका की आर्थिक विकास दर 2022 से 2024 के बीच महज 1.9 फीसदी ही रहने वाली है. इसके बाद यह घटकर 1.6 फीसदी हो जाएगी।