पटना

कोरोना से बचने के लिए क्रॉस वेंटिलेशन बहुत जरूरी


बंद कमरे में अत्यधिक भीड़ एकत्र न होने दें, सही तरह से मास्क पहनें, हवादार रखें कमरा

सीतामढ़ी। कोरोना का नया स्ट्रेन सार्स कोव-2 बहुत तेजी से फैलने वाला वायरस है। इससे बचाव के लिए क्रॉस वेंटिलेशन पर काफी जोर दिया जा रहा है। यहां तक कि ऑफिस और घरों में खिड़कियों को बंद रखने की जगह खुले रखने को कहा जा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने भी सार्स कोव-2 के संक्रमण और उससे बचाव पर एक लेख (आर्टिकल) जारी किया था। जिसमें नए वायरस के संक्रमण के लिए एरोसोल को भी एक वजह माना था।

वहीं इसी बात को दिल्ली एम्स के निदेशक रंदीप गुलेरिया ने भी जोर देकर कहा है बंद जगहों पर हवा का संचालन बेहतर तरीके से होना बहुत ही जरूरी है। डब्ल्यूएचओ के आर्टिकल के अनुसार कोरोना का नया स्ट्रेन यानि सार्स कोवि-2 ड्रापलेट, सतह, के साथ एरोसोल इंफेक्शन से भी फैलता है। एरोसोल में रोगाणुओं की मौजूदगी कणों में भी होती है।

जबकि ड्रॉपलेट इंफेक्शन में सांस की बूदों से होने वाला संक्रमण होता है जो पूरी तरह से इससे अलग है। ड्रॉपलेट्स 5 माइक्रॉन से बड़े कण होते हैं जो ज्यादा दूर तक ट्रैवल नहीं कर सकते। ये अधिक से अधिक 2 मीटर तक ट्रैवल कर पाते हैं और नीचे गिर जाते हैं। जबकि एरोसोल ट्रांसमिशन में दूषित कण 5 माइक्रॉन से छोटे होते हैं जो हवा के साथ लंबी दूरी तय कर सकते हैं।

ऐसे में अगर कोई संक्रमित व्यक्ति रूम में खांसता या छींकता है तो उसके जाने के बावजूद कमरे में कई घंटों तक वायरस मौजूद रहता है। ऐसे में कमरे में पर्याप्त वेंटिलेशन होना बहुत ही जरूरी है। मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित इस नये रिसर्च में कहा गया है कि कोरोना का नया वायरस सार्स कोवि-2 दरअसल एयरबार्ने है यानी कि ये हवा के जरिए फैलता है। ऐसे में देश में तेजी से फैल रहे इस संक्रमण के मद्देनजर डॉ गुलेरिया ने भी कहा है कि किसी बंद जगह के मुकाबले खुली जगह में वायरस के फैलने की संभावना कम होती है। इसलिए गर्मियों में घरों की खिड़कियों को पूरी तरह खुली रखें।

घर के किसी भी कमरे में एक जगह ज्यादा लोग एकत्र होने से बचें। अगर एकत्र भी हो रहे हों तो यह कोशिश करें कि वह कमरा हवादार हो। वहां हवा के आने और जाने की व्यवस्था हो। जहां तक संभव हो एक जगह ज्यादा व्यक्ति न ही जमा हों। इससे संक्रमण की संभावना कम होती है। ऐसा न हो कि केवल एक आदमी बंद जगहों पर वहां मौजूद सभी व्यक्ति को संक्रमित कर दे।

एसी का प्रयोग न ही करें तो बेहतर है। अत्यधिक भीड़-भाड़ वाले कमरे या स्थान पर मास्क का प्रयोग करें। मास्क को हमेशा सही स्थान पर रखें। ठुड्डी या नाक के नीचे रखा मास्क आपको संक्रमित कर सकता है। वहीं हमेशा तीन लेयर वाले मास्क का प्रयोग करें। किसी भी सतह को छूने से बचें। अनजान या बाहरी व्यक्तियों से शारीरिक दूरी बना कर ही रखें। स्वास्थ्यवर्धक खाना खाएं।