- डॉक्टर जे.के. मिश्रा प्रयागराज शहर की एक मशहूर शख्सियत थे. उन्होंने स्वरूप रानी अस्पताल (SRN) में अपनी जिंदगी के लगभग पचास साल दिए. यहां पर उन्होंने डॉक्टरों को पढ़ाया, लोगों का इलाज किया लेकिन जब यही डॉक्टर मिश्रा कोविड से पीड़ित हुए तो उन्हें इसी अस्पताल में वेंटिलेटर तक नहीं मिला.
कोरोना से पीड़ित डॉक्टर जे.के. मिश्रा की हालत गंभीर हो गई, काफी कोशिशों के बाद उन्हें इस अस्पताल में वेंटिलेटर नहीं मिल पाया और उन्होंने अपनी कोरोना संक्रमित डॉक्टर पत्नी के सामने ही दम तोड़ दिया.
स्वरूप रानी अस्पताल को प्रयागराज का सबसे बड़ा अस्पताल माना जाता है. इस अस्पताल में 85 साल के डॉक्टर जे.के मिश्रा ने अपनी जिंदगी के पचास साल तक काम किया. 16 अप्रैल को कोविड के चलते उन्हें इसी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा तो उन्हें वहां वेंटिलेटर नहीं मिला. कोरोना से जंग लड़ते लड़ते उन्होंने पीड़ित पत्नी डॉक्टर रमा मिश्र के सामने ही दम तोड़ दिया.
डॉ राम मिश्र के अनुसार 13 अप्रैल को उनकी ऑक्सीजन का लेवल कम होने लगा था और 16 अप्रैल को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था लेकिन उनकी तबीयत और बिगड़ने लगी तो डॉक्टरो से उन्हें वेंटिलेटर पर रखने के लिए कहा ,लेकिन उन्हें समय पर वेंटिलेटर नहीं मिल पाया और उनकी मौत हो गई.