नयी दिल्ली(एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट कल केंद्र की सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा। बता दें कि दिसंबर 7 दिसंबर 2020 को कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा के निर्माण संबंधी कार्य पर रोक लगा दी थी और सरकार को निर्देश दिया था कि जब तक इस पर फैसला नहीं आ जाता तब तक कोई निर्माण कार्य नहीं होगा। हालांकि अदालत ने अपने आदेश में नई संसद के शिलान्यास पर रोक नहीं लगाई थी। मोदी सरकार का प्लान इसी पूरे सेंट्रल विस्टा को बदलने का था लेकिन कुछ वजहों से सुप्रीम कोर्ट निर्माण कार्य पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने नई संसद समेत कई अहम सरकारी इमारतों वाले सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में किसी भी निर्माण पर फिलहाल रोक लगा रखी है। सुप्रीम कोर्ट की रोक का आधार सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला लंबित है। इन याचिकाओं पर कोर्ट ने 5 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा था। तब कोर्ट ने कहा था कि वह इस पहलू पर करेगा कि क्या प्रोजेक्ट के लिए सभी कानूनी ज़रूरतों का पालन किया गया है। नई संसद और दूसरी इमारतों का निर्माण तभी शुरू हो सकेगा, जब कोर्ट उसे मंजूरी देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद 10 दिसंबर को देश की नई संसद की नींव रखी। सेंट्रल विस्टा कार्यक्रम के तहत आने वाली इस नई संसद में दो हाउस (राज्यसभा, लोकसभा) और एक सेंट्रल हॉल बनाया जाएगा। नई संसद में सांसदों के बैठने की संख्या 888 होगी और राज्यसभा में 384 सदस्य बैठ सकेंगे। नई संसद को साल 2022 के अंत तक पूरा किया जाना है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नया त्रिकोणीय संसद भवन, कॉमन केंद्रीय सचिवालय और तीन किलोमीटर लंबे राजपथ को रीडेवलप किया जाएगा। नए संसद भवन में 900 से 1,200 सांसदों की बैठने की क्षमता विकसित की जाएगी। इस प्रोजेक्ट के तहत उपराष्ट्रपति के आवास को नॉर्थ ब्लॉक और प्रधानमंत्री के आवास को साउथ ब्लॉक के करीब शिफ्ट किया जा सकता है। ऐसा करने से ट्रैफिक स्मूथ हो सकता है। बता दें कि वीवीआईपी मूवमेंट के कारण से अक्सर लुटियंस में लोगों को दिक्कत होती है। नए संसद भवन का निर्माण जिस जमीन पर किया जा रहा है यह पार्क बनाने के लिए छोड़ा गया था। अब 9.5 एकड़ इस जमीन पर संसद भवन का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट कहा जाता है। इस प्रोजेक्ट को तैयार होने के बाद इसे सत्ता का नया गलियारा कहा जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री आवास और पीएमओ को साउथ ब्लॉक के पास शिफ्ट किया जा सकता है। इसके साथ ही उपराष्ट्रपति का नया घर नॉर्थ ब्लॉक के आसपास हो सकता है। इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि पीएम आवास और कार्यालय दोनों काफी करीब होगाय़ सेंट्रल विस्टा रीडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट के तहत उपराष्ट्रपति आवास समेत लुटियंस दिल्ली की कई बिल्डिंग को तोड़ा जाएगा।
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