- गुवाहाटी, नौ मई सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल और फिर बाद में राजग विधायक दल का रविवार को नेता चुने जाने के बाद नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (एनईडीए) के संयोजक हिमंत बिस्व सरमा के असम का अगला मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय पर्यवेक्षक और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी दी।
हाल में हुए चुनावों में सत्ताधारी राजग के प्रदेश में लगातार दूसरी बार स्पष्ट बहुमत हासिल करने के एक हफ्ते बाद तक शीर्ष पद पर कौन होगा इसे लेकर अटकलें चल रही थीं क्योंकि सरमा और निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल दोनों ही दावेदार थे, हालांकि एनईडीए संयोजक के पार्टी विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद स्थिति साफ हो गई।
सूत्रों ने कहा कि सरमा के रविवार शाम को राज्यपाल जगदीश मुखी से मिलकर अगली सरकार बनाने का दावा पेश करने की उम्मीद है।
श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में सोमवार को नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण होने की संभावना है।
निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सरमा के नाम का प्रस्ताव रखा और भाजपा के प्रदेश पार्टी अध्यक्ष रंजीत कुमार दास और हाफलांग से नव निर्वाचित विधायक नंदिता गार्लोसा ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
तोमर ने कहा क्योंकि और किसी के नाम का प्रस्ताव नहीं रखा गया तो ”सरमा को भाजपा विधायक दल का नेता सर्वसम्मति से चुन लिया गया है।”
असम विधानसभा में भाजपा के सम्मेलन कक्ष में कोविड दिशानिर्देशों का पालन करते हुए बैठक हुई। इस दौरान केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर तोमर और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह मौजूद थे।
राजग से साझेदारों- भाजपा, अगप और यूपीपीएल की एक बैठक भी बाद में हुई और सरमा को सर्वसम्मति से राजग विधायक दल का नेता चुन लिया गया जिससे उनके प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
इससे पहले दिन में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यपाल जगदीश मुखी को अपना इस्तीफा सौंप दिया जिन्होंने अगली सरकार के गठन तक उन्हें पद पर बने रहने को कहा।
बैठक से पहले सरमा ने सोनोवाल से भी मुलाकत की और दोनों विधायक दल की बैठक में एक साथ एक गाड़ी में पहुंचे।
निवर्तमान मुख्यमंत्री ने सरमा को पारंपरिक ‘गामोसा’ भेंट किया और पत्रकारों को तस्वीर के लिये पोज देने से पहले उनकी पीठ थपथपाई।