Latest News अन्तर्राष्ट्रीय नयी दिल्ली

अमेरिका में मास्क और अन्य नियमों पर छूट वैज्ञानिक रूप से सही नहीं, बोले भारतीय एक्सपर्ट


  • अमेरिका की सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल और प्रीवेंशन (CDC) ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है उन्हें मास्क पहनने की जरूरत नहीं है. सीडीसी के इस फैसले के बाद अमेरिका और दुनिया के दूसरे हिस्सों में मास्क पहनने या नहीं पहनने के नियम पर नई बहस को पैदा कर दिया. सीडीसी की वेबसाइट के मुताबिक, 17 मई तक अमेरिका 18 साल से ऊपर के अपनी 47.4 फीसदी आबादी को “पूरी तरह वैक्सीनेट” कर चुका है.

भारत में हेल्थ एक्सपर्ट्स और डॉक्टरों का कहना है कि सीडीसी का फैसला वैज्ञानिक रूप से सही नहीं है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉ जे ए जयलाल ने कहा, “कम से कम 70 फीसदी आबादी में एंटी बॉडी विकसित होने के बाद हर्ड इम्युनिटी माना जाता है.” उन्होंने कहा कि भारत में फिलहाल कोविड नियमों में ढील देना संभव नहीं है. “अब तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि अमेरिका ने कोविड-19 के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी विकसित कर लिया हो.”

डॉ जयलाल ने बताया, “भारत में देखा जा रहा वायरस का स्ट्रेन (B.1.617) काफी ज्यादा संक्रामक है. मौजूदा वैक्सीन पहले के म्यूटेशंस के खिलाफ 70-80 फीसदी कारगर थी, लेकिन इस स्ट्रेन के खिलाफ सिर्फ 40-50 फीसदी ही प्रभावी है.” उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है, जरूरी नहीं है कि वे नए म्यूटेशंस के खिलाफ सुरक्षा देता हो. हाल ही में डॉ केके अग्रवाल की मौत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “डॉ अग्रवाल दोनों डोज ले चुके थे, लेकिन उनमें समस्याएं दिखीं. पूरी तरह से वैक्सीनेट व्यक्ति भी दूसरों को संक्रमित कर सकता है, जिसे यूएस गाइडलाइंस में नजरअंदाज किया गया है.”