बेगूसराय (आससे)। फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल शिक्षकों की अब खैर नहीं है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं स्थापना डीपीओ को आदेश दिया था कि 17 मई तक वैसे सभी शिक्षकों का फोल्डर एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड करें। जिसमें शिक्षक के नाम, टीईटी प्रमाण पत्र की प्रति एवं अन्य दस्तावेज को अपलोड करने को कहा गया था। बताते चलें कि 2006 से लेकर 2015 तक पंचायती राज एवं नगर निकाय में बहाल वैसे शिक्षक जिनका दस्तावेज विजिलेंस को नहीं सौपे गए थे उन सभी शिक्षकों का फोल्डर अपलोड करना था।
ज्ञात हो कि लगभग 10, हजार शिक्षकों का नियोजन विभिन्न नियोजन इकाई के द्वारा हुआ था। ज्ञात हो कि उच्च न्यायालय में वैसे फर्जी शिक्षकों को एक मौका दिया था कि वे स्वेच्छा से सेवा से मुक्त हो जाए। जिसके उपरांत लगभग तीन दर्जन शिक्षक सेवा से मुक्त होकर घर को वापस हुए। लेकिन ज्यादातर फर्जी शिक्षक सेवा में बने रहे। 19 दिसंबर 2020 को विजिलेंस की बैठक बीपी इंटर स्कूल में हुई थी जिसमें सभी पंचायत नियोजन इकाई के सचिव को बुलाया गया था। जिसमें 548 शिक्षकों का फोल्डर के नहीं मिलने की बात सामने आए थे।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक पटना के आदेश के आलोक में एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड 17 प्रखंड के 716 वैसे शिक्षकों का डाटा अपलोड किया गया है जिसके पास पूर्ण दस्तावेज नही है। तो वही भगवानपुर प्रखंड का डाटा अब तक अपलोड नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार जिले में लगभग 900 शिक्षकों को चिन्हित किया गया है। जिसमें कई के पास फर्जी टीटी प्रमाण पत्र, तो कई के पास शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी हैं तो वहीं कई शिक्षक का मेरिट लिस्ट भी उपलब्ध नहीं है।
बताते चलें कि कई नियोजन इकाई में मेरिट लिस्ट को ही गायब कर देने की बात सामने आई थी। तो वही यह भी माना जा रहा है कि कई पंचायत के नियोजन इकाई के सचिव अवकाश प्राप्त कर चुके है। तो कुछ पंचायत सचिव स्वर्ग लोक जा चुके है। इस वजह से भी दस्तावेज नहीं मिलने की बात सामने आ रही है। मेरिट लिस्ट मिलने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा की बहाली के समय किस शैक्षणिक प्रमाण पत्र पर बहाल हुए थे। तो कुछ फर्जी शिक्षकों ने शैक्षणिक प्रमाण पत्र को ही बदल डाला है। फर्जी शिक्षकों को बचाने के लिए बिचौलिया भी एक्टिव हो गए हैं।