शिक्षा सेवकों के मानदेय के भुगतान का रास्ता साफ
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। सूबे में महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग की महिलाओं की साक्षरता तथा इन समुदायों के छह से चौदह आयु वर्ग के बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोडऩे के लिए चल रही राज्य योजना के लिए एक अरब 48 करोड़ 55 लाख 28 हजार रुपये की राशि जारी हुई है। सहायक अनुदान के रूप में जारी हुई यह राशि इस मद में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए कुल स्वीकृत राशि चार अरब 50 करोड़ 16 लाख का 33 प्रतिशत है।
राज्य में महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग की 15 से 45 आयुवर्ग की असाक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए राज्य प्रायोजित योजना चल रही है। इसका नाम है- महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना। इसके तहत आठ लाख महादलित एवं दलित तथा चार लाख अल्पसंख्यक महिलाओं को बुनियादी साक्षरता प्रदान किया जाना है। इसके लिए शिक्षा सेवक एवं तालीमी मरकज शिक्षा सबक कार्यरत हैं। शिक्षा सेवकों एवं तालीमी मरकज शिक्षा सेवकों पर महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा समुदायों के छह से चौदह आयुवर्ग के बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोडऩे एवं उसमें बनाये रखने की भी जिम्मेदारी है।
महादलित, दलित एवं अतिपिछड़ा अल्पसंख्यक अक्षर आंचल योजना के शिक्षा सेवकों एवं तालीमी मरकज शिक्षा सेवकों को कर्मचारी भविष्यनिधि एवं प्रकीर्ण उपबन्ध अधिनियम, 1952 के प्रावधानों के तहत लाभों को प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत माह जनवरी, 2019 से इन्हें लाभ प्रदान किया जा रहा है।
असदेश के मुताबिक स्वीकृत राशि की निकासी जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (साक्षरता) द्वारा सीएफएमएस प्रणाली के तहत की जायेगी। इसके अंतर्गत जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (साक्षरता) एप्रूवल के रूप में शिक्षा सेवक-तालीमी मरकज शिक्षा सेवक का मानदेय केंद्र स्तर पर सामग्री से संबंधित राशि, एसआरपी एवं केआरपी के अनुश्रवण-प्रबोधन की राशि, डाटा इंट्री ऑपरेटर का मानदेय सीधे संबंधितों के बैंक खातों में पेयी आईडी के माध्यम से अंतरित करेंगे।