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किसानों ने मनाया ‘विरोध दिवस’, पुतला जलाकर सरकार के विरोध में लगाए नारे


  • भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को कृषि कानून वापस लेने होंगे. आज देशभर में लोग सरकार के खिलाफ काला झंडा हाथों में लेकर खड़े हुए हैं.

नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा की अपील पर कृषि कानूनों के विरोध में आज देशभर में किसान ‘विरोध दिवस’ मना रहे हैं. किसानों ने वाहनों पर काला झंडा लगाया और बॉर्डर पर किसानों ने सरकार के विरोध में पुतले जलाए. इसके अलावा सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर भी किसान एकत्रित हुए हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आज किसानों को बॉर्डर पर इकट्ठा करके पुतला जलाया वहीं हाथों में काले झंडे लेकर सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए.

दरअसल किसान आंदोलन के दिल्ली की सीमाओं पर 6 महीने पूरा होने पर और केंद्र की मोदी सरकार को 7 साल पूरा होने पर सयुंक्त किसान मोर्चा ने इस दिन मोदी सरकार के विरोध स्वरूप काले झंडे लगाने का फैसला किया. हालांकि आज ही भगवान बुद्ध के जन्म, निर्वाण और परिनिर्वाण का उत्सव बुद्ध पूर्णिमा भी पड़ता है, इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा ने आज सभी मोचरें और धरनों पर अपने अपने तरीके से बुद्ध पूर्णिमा मनाने का भी फैसला किया है.

प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील
बॉर्डर पर बैठे किसान नेता लगातार देशभर के पधाधिकारियों के संपर्क में हैं. लगातार इस बात की अपील की जा ही है सभी जगहों पर ये सुनिश्चित किया जाए कि प्रदर्शन को शांतिपूर्ण रखा जाए. हालांकि बॉर्डर पर किसान इस बात पर ध्यान रखते नजर आए कि किसान कोरोना नियमों का पालन करें. हालांकि, सरकार के विरोध में कुछ किसान नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दिखाई दिए.

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को कृषि कानून वापस लेने होंगे. आज देशभर में लोग सरकार के खिलाफ काला झंडा हाथों में लेकर खड़े हुए हैं. एक बार फिर सभी किसानों ने इस बात को दोहराया कि जब तक किसानों की मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक किसान इसी तरह दिल्ली की सीमाओं पर बैठे रहेंगे.