पटना

ओडिशा-बंगाल में भारी तबाही मचाने के बाद चक्रवात ‘यास’ पहुंचा बिहार


कैमूर के रास्ते आया, कई स्थानों पर भारी बारिश, नावों का परिचालन प्रतिबंधित, पटना में हाई अलर्ट, जल निकासी को बुडको तैयार, बिजली आपूर्ति के लिए टीम तैनात, अस्पतालों को किया गया अलर्ट

(आज समाचार सेवा)

पटना। ओडिशा-बंगाल में भारी तबाही बचाने के बाद चक्रवात यास बिहार पहुंच चुका है। भागलपुर, सुपौल, कटिहार और पूर्णिया समेत कई जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। अभी तक राज्य के किसी भी जिले से जान माल के नुकसान की खबर नहीं मिली है।

गुरुवार दोपहर को प्रवेश के साथ ही राज्य पर इसका विशेष प्रभाव देखा गया। तूफान का विशेष प्रभाव दो दिन यानी 27 से 28 मई तक रहेगा। इस दौरान राज्य में 40 किलोमीटर प्रति प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चली है। कई इलाकों में तेज बारिश हो रही है, साथ वज्रपात की आशंका है। मौसम विभाग ने इसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया है।

राजधानी सहित पटना जिले के नागरिकों को चक्रवाती तूफान यास से जन सुरक्षा और बचाव-राहत कार्य के लिए नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य कर रहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ एंबुलेंस और चिकित्सकों की टीम को नियंत्रण कक्ष में अलर्ट मोड में तैनात कर दिया गया है। शहरी आधारभूत संरचना निगम, नगर निगम, पथ निर्माण विभाग, वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीम 24 घंटे कार्य के लिए तैयार रखी गई है।

जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि जिला नियंत्रण कक्ष के अतिरिक्त जिले के दानापुर, पालीगंज, मसौढ़ी, पटना सिटी और बाढ़ अनुमंडल में नियंत्रण कक्ष में एंबुलेंस के साथ चिकित्सकों का दल तैनात किया गया है। नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे आपदा प्रबंधन से जुड़े विभाग के पदाधिकारी और कर्मचारी तीन पाली में कार्य करेंगे।

राजधानी क्षेत्र में संभावित जलजमाव के मद्देनजर बुडको को सभी संप हाउस को चालू स्थिति में रखने की जिम्मेदारी दी गई है। तूफान से यदि बिजली संचरण में बाधा आती है तो डीजल पंपसेट से जल निकासी का अग्रिम प्रबंध करने को कहा गया है। नगर निगम को निर्देश दिया गया कि शहर में साफ-सफाई का पुख्ता इंतजाम करें।

अस्पतालों और ऑक्सीजन प्लांट के साथ आवश्यक सेवाओं वाले कार्यालय की बिजली आपूर्ति में बाधा को न्यूनतम समय में दुरुस्त करने के लिए टीम तैनात करने को कहा गया है। जिलाधिकारी ने बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिया है कि संप हाउस की बिजली आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने पर तत्काल दुरुस्त करने के लिए आवश्यक तैयारी कर लें।

सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को कहा गया है कि चक्रवाती तूफान के दौरान कोई प्रभावित होता है तो इलाज के लिए टीम 24 घंटे तैयार रहे। बिजली कटने की स्थिति में वैकल्पिक पावर बैकअप का इस्तेमाल करेंगे। ऑक्सीजन की कमी नहीं हो इसलिए बैकअप में सिलेंडर फिलिंग कराकर भंडारण कर लें।

चक्रवाती तूफान से जन सुरक्षा के लिए तत्काल प्रभाव से गंगा में नावों के परिचालन पर रोक लगा दी गई है। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों और अंचल पदाधिकारियों को सख्ती से अनुपालन कराने का निर्देश दिया है। मनेर, दानापुर, पटना सदर, पटना सिटी, फतुहा, बख्तियारपुर से लेकर मोकामा तक गंगा के दियारा क्षेत्र से आवागमन के लिए नावों का इस्तेमाल किया जाता है। चक्रवाती तूफान से सुरक्षा के मद्देनजर लोगों को सुरक्षित जगह पर रहने और नाव की सवारी करने से मनाही की गई है।

तूफान का असर शुक्रवार को भी जिले में देखने को मिल सकता है। तेज हवाओं के साथ बारिश, आकाशीय बिजली व पेड़ों के गिरने से होने वाली शारीरिक क्षति की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों के लिए दो दिन का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान डॉक्टरों व एंबुलेंस को अलर्ट मोड में रखने के साथ हादसों व जलजनित रोगों के उपचार की पूरी तैयारी रखने को कहा गया है।

सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह ने बताया कि तूफान के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी व गंभीर हादसों की आशंका अधिक रहती है। इसके लिए सभी पीएचसी के चिकित्सा प्रभारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। वहां जलजनित रोगों के उपचार की तमाम दवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। हर सेंटर पर एंबुलेंस सेवा उपलब्ध रहेगी ताकि आकाशीय बिजली गिरने, पेड़ या छत उडऩे से जख्मी लोगों को यदि रेफर करना पड़े तो उसमें देरी नहीं हो। गुरुवार और शुक्रवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के सभी डॉक्टर अलर्ट मोड में रहेंगे ताकि कोई बड़ी घटना होने पर तुरंत उपचार सुनिश्चित कराया जा सके।

एम्स, आइजीआइएमएस और एनएमसीएच में कोविड मरीजों के उपचार के कारण तूफान में यदि कोई गंभीर हादसा होता है तो उपचार का सबसे बड़ा केंद्र पीएमसीएच ही रहेगा। यहां इमरजेंसी से मरीजों के स्थिर होते ही वार्ड में भेजने की व्यवस्था से हर समय बेड उपलब्ध रहते हैं। तूफान के दौरान वज्रपात की आशंका को देखते हुए प्राचार्य सह प्लास्टिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. विद्यापति चौधरी ने डॉक्टरों को सतर्क रहने को कहा है।

यदि कोई व्यक्ति आकाशीय बिजली की चपेट में आ जाए तो उसे तुरंत कार्डियो पल्मोनरी रिसस्टिेशन यानी कृत्रिम सांस दें। इसे मुंह से मुंह लगाकर दिया जाता है। इसके बाद तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। ओडिशा के बालासोर में लैंडफॉल के बाद चक्रवाती तूफान यास अब बिहार के कई जिलों में कहर बरपा रही है। मौसम विभाग ने बिहार के सभी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, शेखपुरा और दरभंगा सहित कई जिलों में झमाझम बारिश हो रही है। इधर, यास तूफान को लेकर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 22 टीमों को तैनात किया गया है।