(आज समाचार सेवा)
पटना। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि जीविका दीदियों द्वारा कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर मे 999 केन्द्रों पर मास्क निर्माण का कार्य किया जा रहा है। अबतक 5 करोड़ 60 लाख से अधिक मास्क का निर्माण इन केन्द्रों पर वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में किया जा चुका है।
विभागीय मंत्री ने बताया कि कोरोना संक्रमण का द्वितीय लहर काफी तीव्र है एवं इससे बचाव में मास्क की उपयोगिता काफी अधिक है, इसी को ध्यान में रखकर राज्य सरकार पंचायती राज विभाग के माध्यम से मास्क का वितरण करवा रही है, आपूर्ति की जिम्मेवारी जीविका दीदियों को दी गयी है। उन्होंने बताया कि बिहार के 38 जिलों के 999 मास्क उत्पादन केन्द्रों पर 30 हजार 379 जीविका दीदियों द्वारा अब तक 5 करोड़ 60 लाख मास्क का निर्माण किया जा चुका है जिसमें से 4 करोड़ 53 लाख 72 हजार से अधिक मास्क की आपूर्ति पंचायती राज संस्थाओं को की जा चुकी है। जीविका दीदियों को अबतक करीब 7 करोड़ 50 लाख मास्क निर्माण का आर्डर प्राप्त हुआ है।
जिलावार मास्क उत्पादन की बात की जाय तो सारण जिला में 51 लाख, गया जिला में 49 लाख, नालन्दा जिला में 39 लाख, मधुबनी जिला में 32 लाख, पूर्वी चम्पारण जिला में 34 लाख, किशनगंज एवं दरभंगा जिला में 25 लाख, मधेपुरा, बाँका एवं पटना जिला में 30 लाख, कटिहार एवं अररिया जिला में 24 लाख, सीतामढ़ी जिला में 22 लाख, समस्तीपुर एवं मुजफ्फरपुर जिला में 19 लाख, सहरसा एवं जमुई जिला में 20 लाख, गोपालगंज जिला में 31 लाख मास्क का निर्माण किया जा चुका है।
विभागीय मंत्री श्री कुमार ने आगे बताया कि मास्क निर्माण से हर जीविका दीदी को प्रत्येक दिन औसतन 200 रूपये की आय होती है। यदि राज्य के बाहर अन्य राज्यों से मास्क की आपूर्ति हेतु आर्डर प्राप्त होता है तो बिहार की जीविका दीदियॉ उसे भी मास्क की आपूर्ति करने में सक्षम है। प्रत्येक दिन 10 लाख मास्क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। अब तक लगभग 110 करोड़ रूपये से अधिक मूल्य का मास्क का व्यवसाय किया जा चुका है। मास्क निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन के समय जीविका दीदियों को रोजगार प्राप्त होने के साथ ही लोगों को मास्क की आपूर्ति भी हो जाती है।
जीविका की अन्य गतिविधियों की चर्चा करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार ने बताया कि राज्य में अबतक 10 लाख 27 हजार 88 जीविका स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है जिससे लगभग 1 करोड़ 27 लाख परिवार जुड़े हुए हैं। इन समूहों को बैंको से अबतक 15 हजार 500 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जा चुकी है। अभी 1 हजार 931 बैंक सखियों द्वारा ग्रामीणों को घर बैठे बैंकिंग सुविधा प्रदान की जा रही है।
लगभग 7 लाख 48 हजार किसान श्रीविधि से खेती एवं 6 लाख 26 हजार किसान सब्जी की खेती से जुड़े हैं, 12 जिलों में एकीकृत बकरी और भेड़ विकास योजना, 15 जिलों में पषु सखी मॉडल, 36 जिलों में एकीकृत मुर्गी विकास योजना, 5 जिलों में मत्स्य पालन आदि की योजनाऍ जीविका द्वारा संचालित की जा रही है। इसके अतिरिक्त 12 जिलों के सदर अस्पताल में ’दीदी की रसोई’ का संचालन कर कोविड वार्ड में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है तथा 19 जिलों में कुल 55 ग्रामीण बाजारों का संचालन किया जा रहा है, दीदियों द्वारा संचालित 2000 किराना दुकान इनसे सीधे जुड़े हुए हैं।
ग्रामीण विकास मंत्री श्री कुमार ने यह भी बताया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के ’मिशन 2.51 करोड़’ के तहत समूह सदस्यों द्वारा 90 लाख से अधिक पौधारोपण किया गया। जीविका दीदियों को कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु अभियान में भी अहम जिम्मेवारी दी गयी है। जीविका द्वारा अबतक 2 लाख 86 हजार युवाओं को रोजगार हेतु प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा रोजगार मेला लगाकर उन युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। विभागीय मंत्री ने बताया कि बिहार में जीविका लोगों को गरीबी रेखा से उपर उठाने में अपनी अहम् भूमिका का निर्वह्न कर रहा है।