नयी दिल्ली। चीन ने पूर्वी लद्दाख में तैनात अपने दस हजार सैनिकों को वापस बुला लिया है। सूत्रों के अनुसार चीन ने दस दिन में क्रमश: अपनी सेना को पीछे हटाया। जानकारी के अनुसार चीनी सेना भारतीय सैनिकों की तुलना में सर्दी और विपरीत परिस्थितियों का सामना नहीं कर पा रही है। पूर्वी लद्दाख में बेहद ठंड और बर्फबारी से चीनी सेना लगातार बीमार पड़ रही है। चीन ने २०० किमी तक अपनी सेना को पीछे हटाया । लद्दाख में इस समय सून्य से माइनस ४०डिग्री का तापमान है। चीन के सेना हटाये जाने की खबर पर भारतीय सैन्य अधिकारियों ने कुछभी बोलने से इंकार कर दिया है। सैन्य अधिकारी सभी स्थितियों पर पैनी नजर रखे हुए है। इस मामले में सेनाध्यक्ष मनोज मुकन्द नरवणे मंगलवार को जानकारी देंगे।
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भारतने लौटाया चीनी सैनिक
जम्मू (आससे)। साढ़े तीन माह के भीतर लद्दाख सेक्टर में एलएसी को पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसे दूसरे चीनी सैनिक को भी भारतीय सेना ने दरियादिली दिखाते हुए वापस लौटा दिया है। इससे पहले पिछले साल 19 अक्तूबर को ‘भटकÓ कर आए सैनिक को भी लौटाया जा चुका है। सेनाधिकारियों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में शुक्रवार को पकड़े गए ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मीÓ (पीएलए) के सैनिक को आज वापस चीन को सौंप दिया है। सेना ने सोमवार को यह जानकारी दी। यह चीनी सैनिक 8 जनवरी को गलती से एलएसी पार कर के भारतीय सीमा में घुस आया था। प्रक्रिया के अनुसार चीनी सैनिक से पूछताछ की गई जिसके बाद उसे वापस भेजने का फैसला लिया गया। चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के सैनिक को शुक्रवार सुबह पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो के दक्षिणी किनारे वाले क्षेत्र में पकड़ा गया। चीनी सैनिक एलएसी के भारतीय हिस्से में आ गया था। सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में आज सुबह 10.10 बजे पर चुशूल-मोल्दो सीमा स्थल पर सैनिक को चीन को सौंप दिया गया। इससे पहले चीनी सेना ने ये कन्फर्म किया था कि उनका एक सैनिक गलती से चीन-भारत सीमा क्षेत्र में गुमराह हो गया है। चीनी सेना की एक आनलाइन वेबसाइट पर चीनी सेना ने कहा था कि रात के अंधेरे और जटिल भौगोलिक स्थिति की वजह से चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के फ्रंटियर डिफेंस फोर्स का एक जवान शुक्रवार की सुबह भारत-चीन सीमा से गुम हो गया है। इससे पहले भी पिछले साल 19 अक्तूबर को इसी तरह से चीनी सैनिक को भारतीय इलाके में घुसपैठ करने के आरोप में पकड़ा गया था. जिसके बाद उसे भी वापस चीनी सैनिक को सौंप दिया गया था। भारत और चीन के बीच पीछे साल मई के महीने से तनाव चल रहा है। लद्दाख के अलावा सिक्किम में भी दोनों देशों की सेना आमने सामने रही हैं। इतना ही नहीं गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी. जिसमे भारतीय सेना के 20 जवान शहीद भी हुए थे। बहुत से चीनी सैनिकों के मारे जाने की खबर भी आई थी लेकिन चीनी सरकार की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई। इसके बाद पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे में भी दोनों देशों की सेना आमने सामने हैं। कुछ इलाकों में भारतीय सेना ने चीनी सेना को पीछे खदेड़ दिया और ऊंचाई वाले हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया हुआ है।
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एलएसीके और नजदीक पहुंची चीनी सेना
जम्मू (सुरेश एस डुग्गर)। लद्दाख सेक्टर में एलएसी के उन इलाकों में जहां चीनी सेना कब्जा जमा कर बैठी है, वहां तापमान शून्य से 35 डिग्री नीचे चल रहा है। दोनों मुल्कों की सेनाएं आमने सामने डटी हैं। सैनिक हटाने को वार्ता के 8 बेनतीजा दौर हो चुके हैं। और अब यह बेहद चौंकाने व चेतावनी वाली खबर है कि कुछ इलाकों में चीन भयानक सर्दी के बावजूद अपनी सेना व सैपिक साजो सामान को भारतीय सेना से मात्र 100 मीटर की दूरी पर ले आया है। इसे सैन्य भाषा में आइ-बाल टू आइ बाल की पोजिशन कहा जाता है। इसकी पुष्टि उन तस्वीरों से भी हुई हे जो सामने आई हैं। इन तस्वीरों के बकौल, दोनों देशों के कैंप और सैनाओं की तैनाती साफ दिखाई दे रही है। इन तस्वीरों में साफ दिखाई पड़ रहा है कि भारत और चीन के टैंक, आईसीवी और सैनिक एलएसी पर महज 100 मीटर की दूरी पर हैं यानि आइ बाल टू आइ बाल हैं। ये तस्वीरें ऐसे समय में सामने आइ र्हैं जब भारतीय सेना ने एलएसी पार कर भारतीय सीमा में आए एक चीनी सैनिक को पकड़ लिया था और आज हालांकि भारतीय सेना ने इस चीनी सैनिक को चीन की पीएलए-आर्मी के हवाले कर दिया। सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही इन तस्वीरों में किसी ने एडिट कर एक लाइन खींच कर एलएसी यानि लाइन आफ एक्चुयल कंट्रोल दिखाने की कोशिश की है। साथ ही चीनी भाषा में भारत और चीन की सेनाओं के कैंप, टैंक, इंफेंट्री काम्बेट व्हीकल्स (आईसीवी, जिन्हें बीएमपी भी कहा जाता है) और सैनिक भी दिखाई पड़ रहे हैं। ये पहली बार है कि दोनों देशों की सेनाओं की इस तरह तैनाती की तस्वीरें सामने आई हैं जानकारी के मुताबिक, ये तस्वीरें पैंगोंग-सो झील के दक्षिण में कैलाश रेंज के रेचिन ला दर्रे की हैं। भारत के चुशूल सेक्टर का ये वही इलाका है जहां क्रिसमस और नववर्ष के अवसर पर थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने दौरा किया था। उस वक्त उन्होनें वहां तैनात सैनिकों का हौंसला तो बढ़ाया ही था साथ ही आर्मर्ड (टैंक) ब्रिगेड और मैकेनाइज्ड इंफेंट्री (जिसके अंतर्गत बीएमपी व्हीकल्स आती हैं) की आपरेशन्ल तैयारियों की समीक्षा की थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये तस्वीर गूगल-अर्थ से ली गई है और रेचिन ला दर्रे की ही है। खास बात ये है कि ये तस्वीरें ऐसे समय में सामने आई हैं जब चीन की पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के एक सैनिक को इसी रेचिन ला दर्रे के करीब भारतीय सेना ने एलएसी पार कर भारत के सैन्य-कैंप में आने के दौरान पकड़ लिया था। सूत्रों के मुताबिक, बहुत हद तक संभव है कि इन तस्वीरों को जानबूझकर चीन ने इसलिए लीक किया हो ताकि दिखा सके कि भारत और चीन की सैन्य-छावनियां कितनी करीब करीब हैं। ऐसे में सैनिक भटककर दुश्मन देश के खेमें मे जा सकते हैं। एक अन्य तस्वीर में चीनी सेना के टैंक बड़ी संख्या में दिखाई दे रहे हैं। ये भी इसी रेचिन ला दर्रे से सटे चीनी सीमा की है। हालांकि, ये एलएसी थोड़ी दूर की है लेकिन इससे चीनी सेना की हैवी-डिप्लोयमेंट की जानकारी मिलती है। रक्षा सूत्रों ने इन तस्वीरों की सत्यता की हालांकि पुष्टि नहीं की है पर इनके सच होने से भी इंकार नहीं किया है।