बीपीएससी की परीक्षा में सफ़लता हासिल कर सुप्रिया बनी कल्याण पदाधिकारी
मखदुमपुर (जहानाबाद)। बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सुप्रिया सफ़लता हासिल कर कल्याण पदाधिकारी के पद पर चुनी गई तो उनके गांव सुगांव में परिवार एवं शुभचिंतकों की खुशी सातवें आसमान पर पहुंच गई। रविवार को सुप्रिया गया से अपने गांव सुगांव जैसे ही पहुँची गाँव वालों ने ढोल नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया तथा फ़ूल मालाओं से लाद दिया। इधर अपने परिजनों व गांववालों का प्यार पाकर सुप्रिया भी काफ़ी भावुक हो उठी।
मौके पर सुप्रिया ने बताया कि वह गया में अपने परिवार के साथ रहकर अपनी पढ़ाई लिखाई कर रही है। उनकी प्राथमिक शिक्षा झारखंड से हुई थी क्योंकि उस समय उनके पिता कमलनयन प्रसाद झारखंड में सीसीएल में अभियंता के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई डीएवी स्कूल हजारीबाग से की थी। उसके बाद की पढ़ाई रांची विश्वविद्यालय से पूरी हुई हैं।
मर्चेंट नेवी की नौकरी छोड़ बीपीएससी में हासिल की सफ़लता
जहानाबाद। शहर के राजाबाजार निवासी ओम प्रकाश ने मर्चेंट नेवी की नौकरी छोड़ बीपीएससी में सफ़लता हासिल कर जिले का नाम रौशन किया है। स्वास्थ्य विभाग में मलेरिया निरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त गोपाल चौधारी व गृहणी मीना देवी के पुत्र ओम प्रकाश ने अपने पहले ही प्रयास में बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर प्रखण्ड पंचायती राज पदाधिकारी के पद पर चुने गए हैं। शुरू से ही पढ़ाई लिखाई में तेज तर्रार रहे ओम प्रकाश की इस सफ़लता पर उनके परिचित फ़ुले नही समा रहे हैं और उनके घर पहुंचकर बधाई दे रहे हैं।
इस बाबत उनके पिता गोपाल चौधरी बताते हैं कि ओम प्रकाश ने दसवीं की पढ़ाई नेतरहाट विद्यालय व बारहवीं पटना साइंस कॉलेज से पूरी की है। उसके बाद उन्होंने आईआईटी परीक्षा को पास करके मुम्बई के टी एस चाणक्या विश्विद्यालय से स्नातक किया था। इसके बाद उन्होंने मर्चेंट नेवी में सेकंड ऑफि़सर के पद पर कार्य किया और फि़र 2016 में नौकरी छोड़कर सिविल सर्विसेज की तैयारी में लग गए थे। उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि आज सफ़लता उनके कदमों में है।
यूपीएससी क्वालीफ़ाई करना लक्ष्य
पत्रकारों से बात करते हुए सुप्रिया ने कहा कि इसके बाद यूपीएससी क्वालिफ़ाइड करना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रथम प्रयास में सफ़लता हासिल किया है, इसके लिए अपने माता-पिता, गुरुजनों एवं अपने शुभचिंतकों को दिल से बधाई देती हूं। उन्होंने अपनी माँ सुमन देवी को खास तौर पर याद करते हुए कहा के हमारी माँ गृहणी होने बावजूद हमारे पढ़ाई लिखाई में विशेष धयान देती रहीं। समय-समय पर हमें मोटिवेट करती थी, जिससे हमारा आत्मविश्वास लगातार बढ़ता रहता था।
दादा के सपने को पोती ने किया साकार
वहीं उनके पिता ने बताया कि सुप्रिया पांच भाई बहनों में सबसे छोटी हैं। उन्हें शुरू से पढ़ाई लिखाई में दिलचस्पी थी। मेरे पिताजी स्व रामचंद्र पहलवान की दिली इच्छा थी कि हमारे घर की बिटिया अफ़सर के कुर्सी पर विराजमान हो। दादा के सपने को साकार करते हुए सुप्रिया ने साकार किया है। उनकी इस सफ़लता से परिवार एवं गांव के लोगों में काफ़ी खुशी का माहौल है। मौके पर संजय पासवान, श्यामदेव पासवान, उज्वल किशोर पासवान, प्रेम किशोर, शारिक फ़तह, राजू यादव, सूर्या गुप्ता, गौतम वर्मा सहित कई ग्रामीणों ने गर्म जोशी से उनका स्वागत किया।