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CBSE 12वीं परीक्षा की रिजल्ट स्‍कीम से असंतुष्‍ट छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती


केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणामों के फार्मूले से असंतुष्‍ट छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 1152 छात्रों ने याचिका दायर कर इस फार्मूले पर सवाल उठाते हुए कुछ सुझाव दिए हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ही सीबीएसई के इस फार्मूले को अनुमति दी थी।

वकील मनु जेटली के जरिए दाखिल याचिका में छात्रों ने कंपार्टमेंट, पिछले कई सालों से पास होने की उम्मीद में इम्तिहान देने वाले, पत्राचार से 12वीं करने वाले, ड्रॉप आउट, प्राइवेट छात्रों के लिए भी नीति बनाने की मांग की है। इन वर्गों के तहत परीक्षा देने वाले छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों आदि की स्वास्थ्य सुरक्षा सहित सभी जरूरी इंतजाम करने के मुद्दे भी याचिका में उठाए गए हैं।

बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द होने के बाद CBSE और ICSE ने बीते गुरुवार को मार्क्स देने का फार्मूला जारी कर दिया था। इस फार्मूले तहत 12वीं का रिजल्ट 10वीं, 11वीं और 12वीं के प्री-बोर्ड तक के प्रदर्शन को आधार बनाकर तैयार किया जाएगा।

इनमें 10वीं और 11वीं के 30-30 फीसद और 12वीं के 40% नंबर शामिल किए जाएंगे। 12वीं के आकलन में यूनिट टेस्ट, मिड-टर्म और प्री-बोर्ड को आधार बनाया जाएगा, जबकि 11वीं की फाइनल परीक्षा के थ्योरी के और 10वीं के पांच विषयों में से किन्ही तीन विषयों के थ्योरी के प्रदर्शन के औसत को शामिल किया जाएगा, 12वीं का रिजल्ट 31 जुलाई को घोषित हो जाएगा। इसके पहले कोरोना संक्रमण के बीच अभिभावकों और छात्रों की मांग को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जून को 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का ऐलान किया था।