स्टडी में दावा किया गया है कि गुलियन बेरी सिंड्रोम बहुत ही दुर्लभ बीमारी है. इसमें इम्यूनिटी सिस्टम, नर्वस सिस्टम में मौजूद हेल्थी टिशूज पर हमला करती हैं. इसमें खास तौर से चेहरे की नसें कमजोर हो जाती हैं. इस बाबत एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में कोविशील्ड लगवाने के सात मामले सामने आ चुके हैं जिसमें पहली डोज लगाने के बाद 10-22 दिन में गुलियन बेरी सिंड्रोम के लक्षण भी दिखे.
क्या हैं गुलियन बेरी के लक्षण?
एनाल्स ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित स्टडी में कहा गया है कि वैक्सीन की खुराक मिलने के बाद जिन लोगों में गुलियन बेरी सिंड्रोम की शिकायत पाई गई, उनके चेहरे दोनों ओर से कमजोर होकर लटक गए थे. अक्सर 20 फीसदी से कम मामलों में ऐसा पाया जाता है. इस बीमारी पर शोध कर रहे वैज्ञानिक इस बात पर हैरान थे कि आखिर बीमारी इतनी तेज कैसे फैली.
रिसर्चर्स ने कहा कि कोरोना की वैक्सीन सेफ है लेकिन इसके बाद सतर्क रहने की जरूरत है. अगर सिंड्रोम के कोई लक्षण दिखें तो जरूर गौर करें. गुलियन बेरी सिंड्रोम में शरीर में कमजोरी, चेहरे की मांसपेशियां कमजोर होना, हाथ पैर में झुनझुनाहट होना और दिल की धड़कन अनियमित रहना लक्षण हैं.