पटना

पटना: प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने जिलों से मांगा हिसाब


(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने विभिन्न योजनाओं में खर्च की गयी राशि का हिसाब जिलों से मांगा है। निदेशालय ने हिसाब लेने के लिए बजाप्ता प्रमंडलवार शिड्यूल तय किया है। सारण, मुंगेर एवं तिरहुत प्रमंडल के लिए सात जुलाई की तिथि तय हुई है। कोशी, दरभंगा एवं पटना प्रमंडल के लिए आठ जुलाई की तिथि मुकरर्र है। इससे इतर भागलपुर, मगध एवं पूर्णिया प्रमंडल के लिए नौ जुलाई की तिथि तय है।

इस बाबत प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह द्वारा सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा स्थापना व लेखा-योजना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। निर्देश में कहा गया है कि कोरोना के कारण विद्यालयों में पढ़ाई नहीं हो रही है। इस अवधि में शिक्षकों से सभी प्रकार की योजनाओं की लम्बित उपयोगिता एवं सार (एसी-डीसी) विपत्र के समायोजन को प्राथमिकता देकर पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाय।

निदेशालय में जमा उपयोगिता प्रमाण पत्र का आरटीजीएस प्रमाण पत्र लाने के निर्देश भी दिये गये हैं। निर्देश में वित्तीय वर्ष 2002 से अद्यतन व्यय की गयी एक-एक योजना की राशि की खोज कर शतप्रतिशत उपयोगिता एवं डीसी विपत्र सामंजित कर लिया जाय।

दरअसल, विभिन्न योजनाओं की वर्ष 2002 से व्यय की गयी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र तथा भवन, उपस्कर, प्रयोगशाला, परिभ्रमण इत्यादि मदों का एसी विपत्र निकासी की गयी राशि का डीसी विपत्र का सामंजन लम्बित है। उपयोगिता एवं डीसी विपत्र लम्बित रहने के कारण आगे की योजनाओं की राशि की निकासी नहीं हो पा रही है।