पटना

बिहार में नदियों का बढ़ रहा जल स्तर, कई गांवों में घुसा पानी


पटना (आससे)। सूबे से गुजरने वाली गंगा, बूढ़ी गंडक, बागमती समेत प्रमुख नदियों में जलस्तर में फिर से वृद्धि शुरू हो गई है। इससे बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति गंभीर होने लगी है। समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक में पानी बढऩे से समस्तीपुर-दरभंगा डाउन लाइन पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है। पश्चिम व पूर्वी चम्पारण, शिवहर, सीतामढ़ी में कई सड़कों पर पानी चढऩे से आवागमन ठप है। दरभंगा के हनुमाननगर में बाढ़ की स्थिति विकराल हो रही है। यहां की सभी 14 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हो गयी हैं।

बूढ़ी गंडक में उफान से मुजफ्फरपुर शहर के तटवर्ती मोहल्लों के साथ-साथ मीनापुर व कांटी में बाढ़ विकराल होती जा रही है। शनिवार को मीनापुर में बूढ़ी गंडक का पानी चढऩे से शिवहर स्टेट हाईवे पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। शुक्रवार की देर रात को ही सड़क पर चार से पांच फीट पानी चढ़ जाने के बाद वाहनों के परिचालन को रोकना पड़ गया। दूसरी ओर बनघारा पावर सब स्टेशन में करीब चार फीट पानी भर जाने के बाद मीनापुर में ब्लैकआउट का खतरा मंडराने लगा है। हालांकि, शनिवार की देर शाम तक किसी तरह बिजली की आपूर्ति जारी रही। इस प्रखंड में 27 पंचायत की लगभग तीन लाख से अधिक की आबादी बाढ़ में फंसी हुई है।

इधर, कांटी के कोठियां माई स्थान के पास बूढ़ी गंडक के दक्षिणी तटबंध के किनारे कटाव व पानी के रिसाव से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। ग्रामीणों ने बताया कि अविलंब कटाव निरोधक कार्य नहीं कराया गया तो तटबंध टूटने का खतरा बढ़ जाएगा। सूचना मिलने के बाद सीओ शिवशंकर गुप्ता ने रिसाव स्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने अविलंब कटाव व रिसाव रोकने के लिए मरम्मत का निर्देश विभागीय कर्मियों को दिया। कोठियां में कटाव व रिसाव रोकने को लेकर जलसंसाधन विभाग ने कटाव निरोधक कार्य शुरू कर दिया गया है। विजयी छपरा में भी तटबंध की मरम्मत का कार्य चल रहा है।

सिकरहना नदी में उफान से शनिवार को बेतिया-नरकरियागंज पथ पर सतवारिया लचका पर पानी चढ़ गया। इससे तीसरी बार आवागमन प्रभावित हो गया। इधर, सिकरहना का ही पानी सिकटा-बिरइठ पथ पर चढ़ गया। इससे उस पथ पर भी आवागमन ठप हो गया है। लौरिया-नरकटियागंज व लौरिया-रामनगर पथ पर सिकरहना का पानी चढऩे से पहले से ही आवागमन ठप है। वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में 1.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

जिले में बाढ़ का कहर थम नहीं रहा है।  गंडक नदी का जलस्तर बढऩे से अरेराज प्रखंड की नवादा पंचायत के आधा दर्जन गांव बाढ़ से फिर घिर गए हैं। गोविंदगंज सहित अन्य गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सुगौली में धीमी गति से बाढ़ का पानी बढ़ रहा है। बंजरिया में पानी के जलस्तर में कमी आ रही है। तेतरिया प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ तबाही मचा रही है। मधुबन, मोतिहारी, केसरिया, तुरकौलिया सहित अन्य बाढ़ प्रभावित प्रखंड में बाढ़ यथावत है। जिले के करीब एक दर्जन प्रखंड की छह लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है।  गंडक नदी डुमरिया घाट में लाल निशान से 1.35 मीटर ऊपर और चटिया में 97 सीएम नीचे है। लाल बेगिया सिकरहना में बूढ़ी गंडक नदी रेड निशान से ऊपर बह रही है।

समस्तीपुर जिले में बूढ़ी गंडक का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान से 1.85 मी अधिक पर पहुंच गया है। समस्तीपुर में खतरे का निशान 45.73 मी है। शनिवार सुबह नदी 47.60 मी रहा। वहीं दो दिनों से घट रही गंगा के जलस्तर में शनिवार सुबह से एक बार फिर वृद्धि शुरू हो गयी है। शनिवार को गंगा का जलस्तर मोहनपुर में 43.90 मी रहा। यहां खतरे का निशान 45.50 मी है। जिले में अभी कही भी तटबंध टूटा नहीं है। कल्याणपुर में एक दो जगह पर जलस्तर में वृद्धि से दवाब जरूर बढ़ गया है। मधुबनी में सभी नदियों का जलस्तर घटने लगा है। अभी बाढ़ की स्थिति नहीं है। कमला का जलस्तर जयनगर और झंझारपुर दोनों स्थानों में खतरें के निशान से नीचे है।  कोसी में भी फिलहाल बाढ़ की स्थिति नहीं है। पानी धार में ही सिमटा हुआ है।

जिले में बागमती व अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में उतार चढ़ाव का दौर जारी है। शनिवार की सुबह में दर्ज आंकड़े के अनुसार बागमती नदी कटौझा व डुब्बा घाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं अधवारा समूह की नदियां सुंदरपुर और पुपरी में खतरे के निशान से ऊपर है। अन्य जगहों पर नदी का जलस्तर स्थिर है। वही सुरसंड-सीतामढ़ी के बीच कुम्मा व सीतामढ़ी-शिवहर एनएच 104 पर पुनौरा सहित दो जगहों पर पानी का बहाव जारी है।

दरभंगा बागमती के जलस्तर में वृद्धि जारी है, जबकि कमला में पानी घट रहा है। अधवारा का जलस्तर फिलहाल स्थिर है। केवटी प्रखंड में खिरमा-दुधिया सड़क पर पानी बहने से आवागमन ठप हो गया है। इसी मार्ग पर स्थित पावर सब स्टेशन परिसर में बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे बिजली सेवा बाधित होने की आशंका बढ़ गयी है। उधर, हनुमाननगर प्रखंड की सभी 14 पंचायतों में बाढ़ का पानी घुसने से स्थिति विकराल हो गई है। कई घरों में पानी घुस गया है।