पटना

बिहार में टेक्सटाईल और लेदर पॉलिसी जल्द : शाहनवाज हुसैन


पटना  (आससे)। बिहार में उद्योगों की बहार आने वाली है। केंद्र और राज्य सरकार के बेहतरीन तालमेल से ऐसा माहौल बन रहा है कि बिहार में उद्यमियों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है। और इथेनॉल, फूड प्रोसेसिंग समेत कई क्षेत्रों में उद्यमियों की दिलचस्पी में जबरदस्त इजाफा हुआ है। आज एक वेबिनार को संबोधित करते हुए बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उनका विभाग इथेनॉल और ऑक्सीजन उत्पादन पॉलिसी के बाद बहुत जल्द टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी लाने की भी तैयारी में है।

शाहनवाज हुसैन ने कहा कि किशनगंज का पांजीपाड़ा चमड़ा उद्योग का गढ़ है। यहां से बेहतरीन चमड़ा देश विदेश तक जाता है, उसी के पास लेदर प्रोसेसिंग यूनिट्स का हब बनाने की कार्ययोजना पर तेजी से काम चल रहा है। हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में बिहार के लिए दर्द है और उन्होंने बिहार के लिए खजाना खोल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिद है कि बिहार में उद्योगों का विकास हर हाल में हो। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है और ये बिहार के औद्योगिक विकास के लिए पूरी तरह तत्पर है। उन्होंने कहा कि अब तक कई बड़ी कंपनियां बिहार आने के लिए प्रस्ताव दे चुकी हैं और अभी भी कई कंपनियों के प्रस्ताव आ रहे हैं।

उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने एक और अहम जानकारी देते हुए कहा कि बिहार के मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में 400 करोड़ के मेगा फूड पार्क के बाद अब 5 मिनी फूड पार्क भी बिहार को मिलना तय हो गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से उनके आग्रह के बाद बिहार को कम से कम 5 मिनी फूड पार्क मिलना तय हो गया है। बिहार के विभिन्न कमिश्नरियों के लिए प्रस्तावित प्रत्येक मिनी फूड पार्क में कम से कम 5 औद्योगिक यूनिट्स खुलेंगी और इसके चयन के लिए स्थानीय कृषि उत्पादों को ध्यान में रखा जाएगा।

हुसैन ने कहा कि बिहार की 80 प्रतिशत आबादी कृषि उत्पादन से जुड़ी है। फल- सब्जी, मक्का, गन्ना जैसे कृषि उत्पादों में बिहार अग्रणी राज्य है। इस वजह से यहां कृषि आधारित उद्योगों की अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि एसआईपीबी को बिहार में 6199 करोड़ के जो निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं उनमें से 4616 करोड़ रुपए के यानी 74 प्रतिशत निवेश प्रस्ताव फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े हैं। और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के निवेश प्रस्तावों का भी ब्रेकअप देखें तो उसमें 3071 करोड़ रुपये यानी 67 प्रतिशत निवेश प्रस्ताव इथेनॉल उत्पादन से जुड़े हैं।