- बकाया की गणना प्राप्त होने पर विश्वविद्यालय को मिलेगी राशि
- कोषांग में विश्वविद्यालयवार ऑडिटर तैनात
- पटना विश्वविद्यालय नियुक्त करेगा सम्पर्क पदाधिकारी
- 31 मार्च तक सभी निर्माण कार्य पूरा करने का पीयू को निर्देश
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य के सभी 13 पारम्परिक विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों का वेतन सत्यापन होगा। विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन सत्यापन के लिए शिक्षा विभाग के अधीन राज्य स्तर पर वेतन सत्यापन कोषांग है। विश्वविद्यालयों द्वारा शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के नये वेतनमान में किये जाने वाले वेतन निर्धारण पर वेतन सत्यापन कोषांग की सहमति जरूरी है। इसके लिए वेतन सत्यापन कोषांग में विश्वविद्यालयवार सीनियर ऑडिटर एवं ऑडिटर तैनात किये गये हैं।
विश्वविद्यालयों की तमाम लंबित समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने सोमवार से विश्वविद्यालयवार समीक्षा बैठक शुरू हुई है। पहले दिन राज्य के विश्वविद्यालयों में अव्वल माने जाने वाले पटना विश्वविद्यालय की लंबित समस्याओं की समीक्षा हुई। शिक्षा विभाग के डॉ. मदन मोहन झा स्मृति सभागार में पटना विश्वविद्यालय की समीक्षा बैठक तीन घंटे से ज्यादा चली।
बैठक की अध्यक्षता शिक्षा सचिव असंगबा चुबा आओ ने की। बैठक में पटना विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव, राज्य सरकार के उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी, उपनिदेशक अजीत कुमार, डॉ. दीपक कुमार सिंह, विनय कुमार, प्रदीप कुमार एवं शाश्वतानंद झा सहित सभी संबंधित अधिकारी शामिल थे।
बैठक में तय हुआ कि जिन शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों का छठा एवं सातवां दोनों वेतनमान में वेतन निर्धारण का सत्यापन नहीं हुआ है, सत्यापन के लिए विश्वविद्यालय एक साथ वेतन सत्यापन कोषांग को भेजे। जिन शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन निर्धारण पर वेतन सत्यापन कोषांग द्वारा आपत्ति जतायी गयी है, उन आपत्तियों का निराकरण विश्वविद्यालय द्वारा किया जायेगा।
बैठक में वेतन सत्यापन कोषांग द्वारा कहा गया कि गैर शिक्षकों के मामले में वेतन निर्धारण में ज्यादा परेशानी होती है। वेतन सत्यापन के लिए विश्वविद्यालय से विहित प्रपत्र में आवेदन प्राप्त नहीं होते हैं। उस पर संबंधित अधिकारियों के हस्ताक्षर भी नहीं होते। इससे दिक्कत होती है। पटना विश्वविद्यालय ने कहा कि वेतन सत्यापन कार्य शीघ्र पूरा कराने के लिए उसके द्वारा सम्पर्क पदाधिकारी नियुक्त किये जायेंगे।
पटना विश्वविद्यालय ने बैठक में राशि की अनुपलब्धता का मामला उठाया। जवाब में शिक्षा विभाग ने कहा कि बकाया की गणना प्राप्त होने पर राशि उपलब्ध कराने की आवश्यक काररवाई की जायेगी। पटना विश्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न असैनिक निर्माण, जो विश्वविद्यालय स्तर पर किये जा रहे हैं, पर विमर्श हुआ। विश्वविद्यालय ने कहा कि 31 मार्च तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा। उसके बाद यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेज दिये जायेंगे।
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत किये जा रहे निर्माण कार्यों की भी स्थलवार समीक्षा हुई। शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय से कहा है कि न्यायालय के मामले, जो विचाराधीन पड़े हैं, में विश्वविद्यालय आदेश पारित करे, ताकि अवमाननावाद से बचा जा सके। इसके लिए विश्वविद्यालय ने 15 फरवरी तक का समय लिया है।