पटना

गुरु गोविंद सिंह का 354वां प्रकाशोत्सव शुरू, तख्त में अखंड पाठ


गाजे-बाजे के साथ निकली बड़ी प्रभातफेरी

पटना सिटी (आससे)।  सिखों के दशमेश पिता श्री गुरू गोविन्द सिंह महाराज की  जन्मस्थली तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में सोमवार को 354वें प्रकशोत्सव को लेकर गाजे-बाजे के साथ पंच-प्यारे के अगुआयी में पंथ के झुलते निशान साहिब, शर्बत-कीर्त्तन मंडी के साथ तख्त से बड़ी प्रभात फेरी निकाली गयी। जिसमें बड़ी संख्या में देश-विदेश से आये संगतों ने भाग लिया।

इससे पहले दरवार साहेब में तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर-ए-मस्कीन ने गुरू का अरदास, हुक्मनामा, शस्त्र दर्शन के बाद बड़ी प्रभात फेरी निकली जो चमडोरिया,  हाजीगंज, पुलपर, मोर्चा रोड़, पटना साहिब रेलबे स्टेशन, चौक शिकारपुर, मंगलतालाब, नई सड़क, गुरू गोविन्द सिंह पथ, चौक होते हुए तख्त पहुंचकर संपन्न हो गयी।

साथ ही 11 दिनों से चल रही प्रभात फेरी का सामापन हो गया वहीं तख्त साहेब में गुरू ग्रंथ साहेब की अखंड पाठ शुरू हो गयी। इस संबंध में कमिटि के महासचिव ने बताया कि मंगलवार को गायघाट बड़ी संगत गुरूद्वारा में अखंड पाठ की समाप्ति पर विशेष दीवान सजेगी। बाद में गाजे-बाजे के साथ नगर कीर्त्तन निकलकर तख्त साहेब पहुंचेगी।

वहीं 20 जनवरी की रात गुरू गोविन्द सिंह का प्रकाशोत्सव मनायी जाएगी। इस मौके पर प्रभात फेरी के सरदार प्रेम सिंह,तेजिन्दर सिंह बग्गा, इन्क्तजीत सिंह बग्गा समेत अन्य लोग शामिल थे।

कवि दरबार में कवियों ने बांधा समां

सिखों के दसमेश पिता श्री गुरू गोबिन्द सिंह महाराज के 354 वें प्रकाशोत्सव को लेकर सोमवार की शाम तख्त में कवि दरवार का आयोजन किया गया। जिसमें देशभर से आये कवियों ने एक से बढ़कर एक कविता प्रस्तुत कर समा बांध ली। इससे पहले कवि दरवार का उद्घाटन सिंह साहेब के जत्थेदार  ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर-ए-मस्किन ने की। इस अवसर पर मंच संचालन बलबीर सिंह बल्ला ने करते हुए अपनी कविता प्रस्तुत किया।

कवि सम्मेलन में कवि जमीर अली दिल्ली, गुरूचरण सिंह चरण, हरभजन सिंह सेवक, अवतार सिंह तारी, जोगिन्दर सिंह, सुल्लखन सिंह निराला, कवि चैन सिंह चतुवेदी, कवि सतवीर शान, बलबीर सिंह कमल, कवि सुरेन्क्त सिंह रमण, पंडित सुशील कुमार ने अपनी-अपनी कविता प्रस्तुत की। इससे पहले जत्थेदार ने दरवार साहेब में आशा की बार, गुरू का अरदास, हुक्मनामा, शस्त्र दर्शन कराकर संगत को नेहाल किया।