सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के पीएम से मिलने पर सहमति
(आज समाचार सेवा)
पटना। जातीय जनगणना को लेकर बिहार में राजनीतिक धुवीकरण तेज हो गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में शुक्रवार को दोपहर एक बजे महागंठबंधन के दलीय नेता सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की। मुलाकात में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सहमति दे दी है। मुख्यमंत्री ने उनसे मिलने गये विपक्षी नेताओं को कहा कि दो अगस्त को वे दिल्ली से लौटेंगे, इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र को पत्र लिखकर मुलाकात के लिए समय मांगेंगे।
मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसकी पुष्टि करते हए बताया कि हम शुरू से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के मिलने की बात कहते रहे हैं। विधानसभा में भी मैने इसका जिक्र किया है। मुलाकात का क्या फलाफल होता है इसके बाद बिहार हित में आगे की रणनीति तय की जायेगी। उन्होंने कहा कि पशु-पक्षी की जब गणना हो सकती है तो भी जातीय जनगणना क्यों नहीं। अगर जातीय जगनगणना हो जायेगी तब पता चल जायेगा कि आखिर जाति की जनसंख्या कितनी है और किस क्षेत्र में है।
इसके बाद विकास की योजना तय करने में सहुलियत होगी। इससे न केवल राजनीतिक बल्कि विकास के मामले में राज्यों का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि आदरणीय लालू प्रसाद जी भी शुरू से जातीय जनगणना कराने की वकालत करते रहे हैं। संसद में भी इस पर कई बार चर्चा हुई है। ये कोई गलत काम थोड़े ही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जातिय जनगणना का पक्षधर हैं। इसमें जदयू, राजद समेत अन्य दलों में विरोधाभाष कहां है।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, विरोधी दल के मुख्य सचेतक ललित कुमार यादव, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजित शर्मा, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, सत्यदेव राम, सीपीआइ के अजय कुमार, सीपीआइएम के रामरतन सिंह समेत कई नेता शामिल थे। राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार इस मामले को नया राजनीतिक ध्रुवीकरण बनने के संकेत मिल रहे हैं।