पटना

आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग को बैकलॉग का नहीं मिलेगा लाभ : विजेंद्र


बीपीएससी में वेटिंग लिस्ट बनाने का प्रावधान नहीं

(आज समाचार सेवा)

पटना। सामान्य प्रशासन के प्रभारी मंत्री विजेंद्र प्रसाद ने स्पष्ट रुप से कहा है कि दूसरे प्रदेश के आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के अभ्यथियों को सरकारी सेवाओं के लिए आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। यदि किसी भर्ती वर्ष में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए कणांकित योग्य अभ्यर्थिकों की अनुपलब्धता के कारण नहीं भरी जा सके, तो ऐसी रिक्तियां नये नियुक्ति वर्ष के लिए बैकलॉग के रुप में अग्रणित नहीं किया जायेगा। इसी तरह आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा में छूट देने का प्रावधान नहीं है, इसलिय राज्य सरकार में भी इसका प्रावधान नहीं किया गया है।

जहां तक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण को राज्य तक सीमित करने का प्रश्न है, इस संदर्भ में बिहार अधिनियम २-२०१९ की धारा ४-१ के परंतुक में श्ह स्पष्ट रुप से अंकित है कि राज्य से बाहर के अभ्यर्थी अधिनियम के अधीन आरक्षण के लाभ हेतु दावा नहीं करेंगे। स्पष्ट है कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के अभ्यथिर्ययों के लिए यथासंभव प्रावधान किये गये हैं। मंत्री कांग्रेस के अजित शर्मा, समीर कुमार महासेठ, आनंद किशोर सिंह एवं मुरारी प्रसाद से प्राप्त ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब दे रहे थे।

मंत्री ने सदन को बताया कि संविधान के १०३ वें संशोधन के आलोक में बिहार पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों तथा शैक्षणि संस्थानों में नामांकन आरक्षण अधिनियम २०१९ के माध्यम से राज्य में आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लिए १० प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है। इस आरक्षण के प्रावधान को लागू करने के लिए भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के ऑफिस मेमोरेंडम के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने २६ फरवरी २०१९ को अधिसूचना जारी की है। हालंाकि प्रश्नकर्ता अजित शर्मा का कहना था कि गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब समेत अन्य राज्यों में यह प्रावधान है, परंतु बिहार में है। बिहार सरकार को भी इसके लिए अधिनियम बनाना चाहिए।

भाजपा के जनक सिंह समेत कई अन्य सदस्यों द्वारा लाये गये ध्यानाकर्षण सूचना के संदर्भ में सामान्य प्रशासन के प्रभारी मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने अपने जवाब में बताया कि संकल्प संख्या ज्ञापांक २३७४ दिनांक १६ जुलाई २००७ की कंडिका १६ में अंकित प्रावधान के अनुपालन में कार्रवाई की जाती है। जिसके अनुरूप नन ज्वाइनिंग से हुई रिक्ति को अगली नियुक्ति प्रक्रिया के लिए अग्रणित किये जाने का प्रावधान है। फलस्वरुप उपर्युक्त प्रावधान के आलोक में प्रतीक्षा सूची बनाने का प्रश्न ही नहीं उठता है।

उन्होंने सदन को बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग में वर्तमान में स्टैंडर्ड अवैल्यूशन पॉलिसी के तहत मूल्यांकन से पूर्व प्रधान परीक्षकों द्वारा परीक्षकों के साथ प्रश्न पत्र के सभी प्रश्नों के संबंध में गहन विस्तृत एवं सुक्ष्म विचार विमर्श किया जाता है। मूल्यांकन में एकरूपता के लिए प्रत्येक प्रश्न के सम्यक एवं विहित उत्तर एवपं अंक प्रदान करने के संबंध में मूल्यांकन का सुस्पष्ट मानदंड अपनाया जाता है। इसके तहत ६० प्रतिशत से अधिक एवं ३० प्रतिशत से कम प्राप्तांकों वाली सभी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच प्रधान परीक्षकों से करायी जाती है।

उनके द्वारा कम से कम १५ प्रतिशत मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकोंओं की जांच की जाती है। प्रश्नकर्ता श्री सिंह ने सरकार से बिहार लोक सेवा आयोग को एच्छिक विषयों में स्टैंडर्ड इवैल्येशन पॉलिसी स्थापित करने तथा वेटिंग लिस्ट प्रकाशित करने के लिए सरकार से मांग की थी।