पटना

पटना: 124 दिन बाद स्कूलों में लौटी रौनक


9वीं-10वीं की शुरू हुई पढ़ाई

पटना (आशिप्र)। राज्य के हाई स्कूलों में 124 दिनों बाद शनिवार से 9वीं एवं 10वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू हुई। 50 फीसदी उपस्थिति के सिद्धांत के तहत छात्र-छात्रा पहुंचे। मास्क में पहुंचे छात्र-छात्रा शारीरिक दूरी बनाते हुए एक-दूसरे से उत्साह के साथ मिले। हालांकि, पहले दिन छात्र-छात्राओं की उपस्थिति काफी कम रही। छात्र-छात्राओं के साथ ही शिक्षक-कर्मचारियों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया है। हर कक्षा में छह फीट की दूरी पर छात्र-छात्राओं के बैठने की व्यवस्था की गयी है।

गाइडलाइन के तहत हर कक्षा में 50 फीसदी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए हर छात्र-छत्रा एक दिन बीच कर स्कूल आयेंगे। सोमवार को ‘सम अंक के क्रमांक वाले’ बच्चे बुलाये गये हैं। उसके अगले दिन मंगलवार को ‘विषम अंक के क्रमांक वाले’ छात्र-छात्रा कक्षा में आयेंगे। इसी व्यवस्था के तहत छात्र-छात्रा एक दिन बीच कर स्कूल आयेंगे। कक्षाओं के साथ ही स्टाफ रूम, ऑफिस एवं आगत कक्ष में भी छह फीट पर बैठने की व्यवस्था की गयी है। आते-जाते समय छात्र-छात्राओं के मुख्य गेट से क्रमवार आने-जाने की व्यवस्था की गयी है। छात्र-छात्राओं के आते-जाते समय गेट को खुले रखे  जा रहे हैं, ताकि भीड़ नहीं लगे।

अभिभावकों एवं विद्यार्थियों के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। आगंतुक कक्ष, हाथ सफाई स्थल, पेयजल केंद्र एवं टॉयलेट के बाहर जमीन पर वृताकार चिन्ह छह फीट की दूरी पर निशान बनाये गये हैं। शिक्षण संस्थानों के परिसर, भवन व कक्षाएं, फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, भंडारकक्ष, पानी टंकी, किचेन, वाशरूम, प्रयोगशाला एवं लाइब्रेरी की सफाई कर उसे विसंक्रमित किया गया है। डिजिटल थर्मोमीटर, सेनेटाइजर, साबुन की व्यवस्था की गयी है। ऐसी व्यवस्था की गयी है कि शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी भी छह फीट की दूरी पर बैठें। यही व्यवस्था आगंतुकों के लिए भी की गयी है।

राज्य में 9वीं एवं 10वीं कक्षा की पढ़ाई वाले सरकारी स्कूलों की संख्या तकरीबन आठ हजार है। इसके साथ ही 72 अराजकीय (अल्पसंख्यक सहित) माध्यमिक विद्यालय तथा 715 प्रस्वीकृत एवं स्थापना की अनुमति प्राप्त विद्यालय हैं। मदरसे और संस्कृत स्कूल भी हैं। इसके अलावे प्राइवेट स्कूल भी हैं। इन स्कूलों में पढ़ाई शुरू होने के साथ ही छात्र-छात्राओं की गहमा-गहमी शुरू हो गयी है।

आपको याद दिला दूं कि कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता से बचाव को लेकर राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी एवं कोचिंग सहित सभी शिक्षण संस्थान गत पांच अप्रैल से ही  बंद कर दिये गये। उसके बाद पांच मई से लॉकडाउन शुरू हुआ, जिसकी 15 मई तक की अवधि पहले 25 मई तक, फिर 31 मई तक और उसके बाद आठ जून तक बढ़ायी गयी। उसके बाद कतिपय शर्तों के साथ नौ जून से 15 जून तक अनलॉक-वन एवं 16 जून से 22 जून तक अनलॉक-टू रहा। 23 जून से अनलॉक-थ्री शुरू हुआ, जिसकी मियाद छह जुलाई को पूरी हो गयी।

अब, सात जुलाई से अनलॉक-चार शुरू हुआ, जिसकी मियाद शुक्रवार यानी छह अगस्त को पूरी हुई। अनलॉक-चार में ही 98 दिनों बाद 12 जुलाई से 11वीं-12वीं कक्षा की पढ़ाई वाले पांच हजार से अधिक स्कूल एवं 599 कॉलेज, स्नातक की पढ़ाई वाले 485 डिग्री कॉलेज तथा स्नातकोत्तर की पढ़ाई वाले 13 पारम्परिक विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभाग प्रति कार्यदिवस 50 फीसदी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के साथ पढ़ाई के लिए खुल गये।

उसी दिन से राज्य के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय, तकनीकी विश्वविद्यालय, लॉ यूनिवर्सिटी एवं नालंदा विश्वविद्यालय सहित सभी प्राइवेट विश्वविद्यालय भी प्रति कार्यदिवस 50 फीसदी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के साथ पढ़ाई के लिए खुले। बहरहाल, शनिवार से अनलॉक-फाइव शुरू होने के साथ ही स्कूलों में 9वीं-10वीं की घंटी गूंजने लगी है।