खिलाडिय़ों को चुस्त रखने के लिए बीसीसीआई लायी नया फिटनेस टेस्ट, कवर करनी होगी दो किलोमीटरकी दूरी
मुम्बई (एजेन्सियां)। किसी भी खेल में खिलाडिय़ों की फिटनेस बेहद अहम होती है। व्यस्त शेड्यूल और कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच खिलाडिय़ों को खुद को फिट रखना बड़ी चुनौती है। फिटनेस को लेकर भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी काफी सतर्क हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाडिय़ों को भी टीम इंडिया में शामिल होने के लिए यो-यो टेस्ट से गुजरना पड़ता है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अब एक नया फिटनेस टेस्ट लेकर आया है। सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआई के नये फिटनेस टेस्ट का नाम है ‘टाइम ट्रायल टेस्ट। बीसीसीआई के सभी अनुबंधित खिलाडिय़ों को अब यो यो के साथ इस टेस्ट को भी पास करना जरूरी होगा। ‘टाइम ट्रायल टेस्टÓ में खिलाडिय़ों की स्पीड और एंड्रूयेंस लेवल चेक की जायेगी। इस टेस्ट में खिलाडिय़ों को दो किलोमीटर तक की दूरी कवर करनी होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तेज गेंदबाजों को ये टेस्ट आठ मिनट और १५ सेकेंड में पूरा करना होगा, जबकि बल्लेबाजों, स्पिन गेंदबाज और विकेटकीपर को यह टेस्ट आठ मिनट और ३० सेकेंड में पूरा करना होगा। इस टेस्ट के आने के बावजूद खिलाडिय़ों का यो यो टेस्ट (१७.१) बरकरार रहेगा। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा बोर्ड को ऐसा लगा कि फिटनेस को अलग लेवल पर ले जाने के लिए इस समय के फिटनेस स्टैंडर्ड ने बड़ा रोल अदा किया है। यह जरूरी है कि फिटनेस लेवल को अलग लेवल पर लेकर जाया जाय। टाइम ट्रायल एक्सरसाइज हमको मुकाबला करने के लिए बेहतर बनायेगा। बोर्ड हर साल स्टैंडर्ड को बढ़ाता रहेगा। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह से मंजूरी मिलने के बाद बोर्ड से अनुबंधित खिलाडिय़ों को इस नये फिटनेस मार्क के बारे में बता दिया गया है। बोर्ड का कहना है कि इस साल इसके लिए तीन विंडो फरवरी, जून और अगस्त/सितम्बर में रखे गये हैं। आस्ट्रेलिया से टेस्ट शृंखला में भाग लेकर स्वदेश लौटे खिलाडिय़ों को फरवरी में होने वाले इस टेस्ट से नहीं गुजरना होगा। हालांकि सिीमित ओवर्स के लिए चुने गए खिलाड़ी इस टेस्ट में हिस्सा लेंगे।