- नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय और राज्य उपभोक्ता आयोगों में खाली पड़े पदों को न भरे जाने पर बुधवार को गहरी नाराजगी जताते हुए पूरे देश में उपभोक्ता आयोगों के खाली सभी पद आठ सप्ताह में भरने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर तय समय में आदेश का पालन नहीं हुआ तो संबंधित राज्यों के मुख्य सचिव को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये होने वाली अगली सुनवाई में मौजूद रहना होगा। इसी तरह केंद्र सरकार के मामले में उपभोक्ता मामलों के सचिव मौजूद रहेंगे।
कोर्ट ने कहा कि अगर आदेश के मुताबिक रिक्त पद नहीं भरे गए तो मुख्य सचिवों को तलब करेंगे
पदों के रिक्त रहने के कारण उपभोक्ताओं की शिकायतों का निपटारा न होने की ओर संकेत करते हुए कोर्ट ने कहा कि लोगों में उम्मीद मत जगाओ, अगर उसे पूरा नहीं कर सकते। अगर आप पद भर नहीं सकते तो उन्हें बनाते क्यों हैं। पद खाली रहने से उपभोक्ताओं की शिकायतों का निपटारा नहीं हो रहा है। ये निर्देश और टिप्पणियां जस्टिस संजय किशन कौल और ऋषिकेश राय की पीठ ने दिये।
सुनवाई के दौरान न्यायमित्र वकील आदित्य नारायण ने कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में कुल सात पद हैं, जिसमें से अभी तीन पद खाली हैं। कोर्ट ने केंद्र की ओर से पेश एडीशनल सालिटिर जनरल (एएसजी) अमन लेखी से पूछा कि जब चार पद भरे जा सकते हैं तो बाकी के तीन क्यों नहीं भरे जा रहे। लेखी ने ट्रिब्युनल रिफार्म एक्ट 2021 का हवाला दिया जिसमे चेयरमैन और सदस्यों के कार्यकाल की बात की गई है। कोर्ट ने कहा कि इसका नियुक्तियों से कोई लेना देना नहीं है।