पटना। बिहार के प्रमोद भगत ने टोक्यो पैरालंपिक गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। इस साल पैरालम्पिक में पहली बार बैडमिंटन को शामिल किया गया था। ऐसे में प्रमोद भगत पैरालंपिक गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय शटलर बन गए हैं। प्रमोद ने बैडमिंटन के मेन्स सिंगल्स SL3 फाइनल में ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को 21-14, 21-17 से हराते हुए गोल्ड अपने नाम किया।
प्रमोद बिहार के हाजीपुर के रहने वाले हैं। लेकिन 5 साल की उम्र में पैर में पोलियो के कारण उनकी बहन बेहतर इलाज के लिए ओडिशा लेकर चली गई थीं। जहां उन्होंने अपनी कमजोरी को ताकत बनाया और बैडमिंटन खेलना शुरू किया।
प्रमोद के पिता गांव में रहकर खेती करते हैं। पिता रामा भगत कहते हैं- “बचपन से ही उसकी खेल में रुचि थी। वो सबको हरा देता था। तभी उसको पोलियो हो गया। इससे सब निराश हो गए थे। उसकी बहन किशुनी देवी और बहनोई कैलाश भगत को कोई संतान नहीं है। उन्होंने उसे गोद ले लिया और अपने साथ भुवनेश्वर में रखा। वहीं उसकी शिक्षा-दीक्षा हुई। इंटर के बाद उसने ITI किया है।’