चार करोड़ लोगों को लगा टीका, सभी राज्यों से उठ रही है जातीय जनगणना की मांग
(आज समाचार सेवा)
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में अब तक चार करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है। पिछले दिनों राज्य के अंदर एक ही दिन में २५ लाख लोगों को टीका लगाया गया था। बाढ़ प्रभावित इलाकों में कारोना की जांच और टीकाकरण तेजी से किया जा रहा है। कोरोना से मुक्ति मिलते ही देश में तेजी से विकास होगा। मुख्यमंत्री सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
कोरोना काल में बेरोजगारी की समस्या बढऩे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले डेढ साल से ज्यादा समय से पूरी दुनिया कारोना से प्रभावित हुई है। कारोना के कारण कई चीजों में रुकावत आने से स्वभाविक रुप से आर्थिक स्थिति पर इसका प्रभाव पड़ा है अभी सबसे जरूरी है कि कैसे हम जल्द से जल्द कोरोना से मुक्ति पायें। इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर तेजी से काम किया है। बड़े पैमाने पर टीकाकरण का काम किया जा रहा है। बिहार में लगभग चार करोड़ लोगों का टीकाकरण हो चुका है। पिछले दिनों बिहार में एक ही दिन में २५ लाख लोगों को टीका लगाया गया है।
राज्य में कोरोना की जांच भी काफी तदाद में की जा रही है। बाढ़ प्रभावित दलाकों में कोरोना की जांच और टीकाकरण तेजी से किया जा रहा है। कोरोना से बचाव को लेकर केंद्र और राज्य सरकार मिलकार काफी खर्च कर रही है। राज्य सरकार ने १० हजार करोड़ से ज्यादा खर्च किया है। कोरोना से किसी की मृत्यु होने पर चार लाख रुपये की मदद शुरू से ही दी जा रही है। कोरोना से मक्ति पाना अभी प्राथमिकता में सबसे उपर है। अभी ऐसा नहीं माना जा सकता कि सब कुछ ठीक हो गया है। कोरोना से मुक्ति मिलते ही देश भर में विकास कार्यों में तेजी आयेगी।
हमलोग लोगों की सुविधा के लिए विकास का काम लगातार कर रहे हैं। कोरोना के कारण कई प्रकार की बाधायें सामने आयी है। लोगों की मदद के लिए हमलोग जो कुछ भी कर सकते हैं वो कर रहे हैं। इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। जो भह जरूरी चीजें हैं उसके लिए काम किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन का भी काम तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में कुछ कठिनाई होती है। सभी को इन सब चीजों को महसूस करना चाहिए।
जातीय जनगणना को लेकर केंद्र के अब तक निर्णय नहीं लिये जाने के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर हमलोगों ने एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी बातों को रख दिया है। इसके संबंध में सभी बातों को पहले ही मीडिया के सामने रख दी गयी है। अब निर्णय लेना केंद्र सरकार का काम है। देश में अभी जनगणना की शुरूआत नहीं हुई है। देश के विभिन्न राज्यों से इसकी मांग उठ रही है। अभी कुछ भी सामने नहीं आया है। ऐसे में अभी इस पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि मीडिया की खबरों में यह बात सामने आ रही है कि सभी राज्यों के लोग जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं। जातीय जनगणना से समाज के वैसे वर्ग जिनको आगे बढ़ाने की जरूरत है के संबंध में जानकारी मिलेगी। हमलोग हमेश अपनी बातों को रखते रहे हैं। कुछ लोग जातीय जनगणना के खिलाफ में बोलते और लिखते रहते हैं, लेकन ऐसी बात नहीं है, यह समाज को बांटने के लिए नहीं बल्कि एकजुट करने के लिए जरूरी है।