- इस्लामाबाद, । पाकिस्तान और आतंकवाद की साठगांठ की एक और सच्चाई उजागर हुई है। हालांकि, पाकिस्तान शुरू से दुनिया के समक्ष यह झूठ बोलता रहा है कि वह तालिबान और किसी अन्य आतंकवादी संगठनों की कोई मदद नहीं करता है। तालिबान को लेकर एक बार फिर पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब हुआ है। अमेरिकी सैनिकों की काबूल से हटने के बाद पाकिस्तान और तालिबान के रिश्ते एक-एक खुलने शुरू हो गए हैं। इस क्रम में तालिबान और पाकिस्तान रिश्तों की एक और सच्चाई सामने आई है। तालिबान में नंबर दो की हैसियत रखने वाले और हाल ही उप प्रधानमंत्री घोषित किए गए अब्दुल गनी बरादर के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट और नेशनल आइडेंटिटी कार्ड होने की खबर सामने आई है। इतना ही नहीं बरादर के पासपोर्ट की फोटो भी उपलब्ध है।
फर्जी नाम के आधार पर बना आइडी कार्ड
इसमें उसने असली पहचान छिपाकर फर्जी नाम का सहारा लिया है। इसका आईडी नंबर भी पाकिस्तान का है। पाकिस्तान की ओर जारी पासपोर्ट में मुल्ला बरादर का नाम मोहम्मद आरिफ आगा और उसके बाप वालिद का नाम सैयद नजीर आगा दर्ज है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस पासपोर्ट और आइडी में फोटो बरादर की है। यह माना जा रहा है कि पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने इस आइडी के बनने में उसकी मदद की है। अफगानिस्तान में एक न्यूज एजेंसी ने इस बाबत एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसमें बताया गया था कि तालिबान में नंबर दो कहे जाने वाले बरादर के पास पाकिस्तान का पासपोर्ट और पाकिस्तान का पहचान पत्र है।