- चीफ ऑफ डिफेंस जनरल बिपिन रावत के बयान के एक दिन बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनके बयान से किनारा कर लिया है. विदेश मंत्री ने चीनी समकक्ष से कहा है कि भारत ने कभी भी सभ्यताओं के टकराव का समर्थन नहीं किया है. दुशान्बे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से इतर एक बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रावत की टिप्पणी से अलग हटकर अपनी स्थिति साफ की. उन्होंने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात में कहा कि भारत ने ‘सभ्यताओं के टकराव के सिद्धांत’ का कभी भी समर्थन नहीं किया है.
रावत ने कहा कि भारत-चीन के बीच जो संबंध स्थापित है इस रिश्ते से जो मिसाल कायम होगी उसी पर एशियाई एकजुटता निर्भर करेगी. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि चीन को भारत के साथ अपने संबंधों को ‘किसी तीसरे देश के नजरिये’ से देखने से बचना चाहिए. भारत की इस बात पर चीन ने “सहमति” जताई है. दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां के घटनाक्रमों पर भी विचार साझा किए. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने हाल ही के वैश्विक विकास पर भी बात की.