साक्ष्य के अभाव में फकरुद्दीन रिहा, सजा पर सुनवायी 1 नवम्बर को
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- एनआईए कोर्ट ने 6 अभियुक्तों को देश व राज्य के विरुद्ध युद्ध करना, युद्ध करने का प्रयास करना व युद्ध करने का दुष्प्रेरण तथा हत्या का दोषी पाया
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(आज विधि समाचार)
पटना। एनआईए के विशेष जज गुरुविन्दर सिंह मल्होत्रा की अदालत द्वारा बुधवार को गांधी मैदान बम ब्लास्ट में ९ अभियुक्तों को दोषी करार करते हुए सजा के बिन्दू पर सुनवाई के लिए एक नवम्बर की तारीख सुनिश्चित किया है। विशेष कोर्ट ने मामले के एक अभियुक्त फकरुद्दीन को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। अदालत ने जिन अभियुक्तों को दोषी पाया उनमें हैदरअली, इम्तियाज अंसारी, नोमान अंसारी, भुजिर्बुल अंसारी, उमर सिद्दिकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, अहमद हुसैन, फिरोज आलम व इफ्तिकार आलम शामिल है।
विशेष कोर्ट ने दोषी पाये गये 9 अभियुक्तों में से 6 अभियुक्तों को हत्या व भारत सरकार, राज्य सरकार के विरुद्ध करना, युद्ध करने का प्रयास करना व युद्ध करने के लिए दुष्प्रेरण का दोषी पाया। इनमें इम्तियाज अंसारी, हैदर अली, नोमान अंसारी, मुर्जीबुल अंसारी, उमर सिद्दिकी व अजहरुद्दीन कुरैशी शामिल है। अदालत ने अन्य तीन अभियुक्तों अहमद हुसैन, फिरोज आलम व इम्तियाज आलम को केवल विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, यूएपी एक्ट व साक्ष्य छिपाने का अपराध करने का दोषी पाया है।
निम्न धाराओं में दोषी सिद्ध किया गया
- इम्तियाज अंसारी : 120बी/302, 121, 121ए भादवि, 4-5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 16, 18, 20 गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम व 151 रेलवे अधिनियम।
- हैदर अली, 3. नोमान अंसारी, 4. भुर्जिबुल अंसारी : 120बी/34, 302/34, 307/34, 121 व 121ए भादवि, 3-5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व 16, 18, 20 गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम।
- उमर सिद्दिकी, 6. अजहरुद्दीन कुरैशी: 140बी/302, 121, 121ए भादवि व 18, 19, 20 गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम।
- अहमद हुसैन : 5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम
- फिरोज आलम : 14 गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम।
- इफ्तिखार आलम : 201 भादवि साक्ष्य छिपाने का आरोप
ऊपर के क्रम 1 से 6 अभियुक्तों को दिये गये दोष सिद्ध में कानून के अनुसार फांसी या आजीवन कारावास की सजा व अर्थदण्ड का प्रावधान है।
विदित हो कि पटना के गांधी मैदान में 27 अक्तूबर, 2013 को भाजपा की हुंकार रैली के दौरान अभियुक्तों द्वारा सिलसिलेवार ढंग से कई बम विस्फोट किया गया, जिसमें 6 लोगों की मृत्यु व सैकड़ों लोग घायल हो गये थे। उसी दिन पटना रेलवे जंक्शन पर भी विस्फोट किया गया। उक्त घटना पर गांधी मैदान थाने में कांड संख्या-451/2013 तथा रेल थाना में कांड संख्या-361/2013 दर्ज हुआ था। बाद में उक्त मामले को दिनांक एक नवम्बर 13 को एनआईए को सौंपा गया। एनआईए ने उक्त मामले में 22 अगस्त, 2014 को कुल ग्यारह अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
मामले के एक अभियुक्त तौफीक अंसारी चूंकि नाबालिक था उसके मामले को अलग कर अव्यवस्क कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। जबकि 10 अभियुक्तों के मामले का विचारण एनआईए कोर्ट में किया गया। मामले के विशेष लोक अभियोजक ललन प्रसाद सिन्हा द्वारा एनआईए को ओर से कुल 187 गवाहों की गवाही करवायी गयी। उक्त मामले की सुनवाई लगभग 8 वर्षों तक हुई तथा विशेष कोर्ट द्वारा घटित धरना 27 अक्तूबर, 2013 के लिए 27 अक्तूबर, 2021 को ही फैसला दिया गया।